Navratri 2019, 5th Day: शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता देवी की पूजन का विधान है। देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति रहे भगवान स्कंद (कार्तिक) की माता होने के कारण उन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। स्कंदमाता की तस्वीर में कार्तिक को माता पार्वती अपने गोद में बैठाये नजर आती हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी 4 भुजाएं हैं। माता एक हाथ में कमल का फूल पकड़ी रहती है और दूसरे हाथ से वरदान देती हैं। वहीं, दूसरे हाथ से माता कार्तिक के बाल रूप को पकड़ी नजर आती हैं। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री भी माना जाता है। इसलिए इनकी उपासना बेहद शुभ और फलदायी मानी गई है।
Navratri 2019: स्कंदमाता की पूजा विधि और भोग
स्कंदमाता की पूजा का श्रेष्ठ समय दिन के दूसरे पहर को माना गया है। मान्यता है कि इनकी पूजा चंपा के फूलों से करनी चाहिए और इन्हें मूंग से बने मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। मां स्कंदमाता को केले का भोग भी अति प्रिय है। साथ ही इन्हें खीर का प्रसाद भी अर्पण करना चाहिए।
स्कंदमाता के श्रृंगार में हरे रंग की चूडियां चढ़ानी चाहिए। मान्यता है कि इनकी उपासना से मंदबुद्धि व्यक्ति को भी बुद्धि और चेतना मिलती है। यही नहीं, परिवार और संतान भी सभी कष्टों से दूर रहते है। साथ ही देवी स्कंदमाता की साधना उन लोगों को भी जरूर करनी चाहिए जिनका कार्य मैनेजमेंट, वाणिज्य, बैंकिंग या व्यापार आदि है।
Navratri 2019: स्कंदमाता की पूजा के लिए मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
इसके मायने ये हुए जो नित्य सिंहासन पर विराजमान हैं और जिनके दोनों हाथ कमल-पुष्पों से सुशोभित हैं, वे स्कंदमाता मेरे लिए शुभदायिनी हों। इसके अलावा 'ऊं स्कंदमात्रै नम:' का भी जाप कर सकते हैं। साथ ही 'या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता..नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमों नम:' मंत्र का भी जाप करें।
Navratri 2019: स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त
स्कंदमाता की पूजा के आज चार अलग-अलग शुभ मुहूर्त हैं। सुबह 10.30 बजे दोपहर 12 बजे तक चर, दोपहर 12 से 1.30 बजे तक लाभ, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक अमृत और शाम 4.30 से 6 बजे तक शुभ योग है।