17 वीं लोकसभा के चुनाव के नतीजे आने जारी हैं। अभी तक के रुझानों के अनुसार एक बार फिर मोदी सरकार बनते दिख रही है। खबर लिखे जाने तक 355 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा पार्टी ने 26 सीटों पर विजय प्राप्त कर ली है और 274 सीटों पर आगे चल रही है। नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से 3.85 लाख वोटों से जीत गए हैं। कुल मिलाकर मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे।
इस बीच पार्टी की जीत पर कार्यकर्ताओं और देश की जनता का शुक्रिया करते हुए मोदी ने ट्वीट किया "भारत का शुक्रिया! लोगों ने हमारे गठबंधन पर विश्वास रखा। इससे हमें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और भी अधिक परिश्रम करने की शक्ति मिली है। मैं दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और कर्मठता के लिए हर भाजपा कार्यकर्ताओं को सलाम करता हूं। वे हमारे विकास के एजेंडे को समझते हुए घर-घर गए।"
इधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए नरेंद्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'सबसे पहले नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बधाई देना चाहता हूं। कांग्रेस के कार्यकर्ता और प्रत्याशियों का दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं।'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी जनादेश को स्वीकार करते हुए नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बधाई दी है। राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है। हमें ये मानना पड़ेगा कि इस चुनाव में नरेंद्र मोदी और बीजेपी जीती है तो मैं उन्हें पुनः बधाई देना चाहता हूं।
नतीजों के बीच मोदी के शपथ लेने की चर्चा भी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह इस महीने के आखिरी तक हो सकता है। खैर, हमने मोदी के शपथ समारोह के सही समय और दिन को लेकर ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली से बात की है, जानिये उनका क्या कहना है।
पंडित दिवाकर के अनुसार, मोदी का शपथ ग्रहण समारोह 28 मई को दिन में 11:15 बजे के बाद या फिर 31 मई या 01 जून को इस समय के बाद होना शुभ हो सकता है। 28 मई को चन्द्रमा दिन में 11:15 बजे के बाद मीन राशि का होगा। यद्यपि की पंचक भी होगा। बड़का मंगल इस दिन है। इस कारण से किया जा सकता है।
परंतु यदि 31 मई दिन शुक्रवार को चंद्रमा मेष राशि का होगा जो मोदी जी की कुण्डली से छठवें होगा जो कम अच्छा है फिर भी सर्वार्थसिद्धि योग ,एवं जयद योग होने के कारण किया जा सकता है।
इन सब मे सबसे अच्छा 30 मई दिन गुरुवार ,रेवती नक्षत्र ,आयुष्मान योग एवं मित्र योग के साथ साथ अचला एकादशी व्रत के दिन यदि किया जाए तो सर्वोत्तम होगा क्योंकि चंद्रमा मोदी की कुण्डली से पंचम में गोचर करेगा जो शुभफल दायक होगा।