मौनी अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें, जानें 8 महत्वपूर्ण बातें

By गुलनीत कौर | Updated: January 15, 2018 17:23 IST2018-01-15T12:59:13+5:302018-01-15T17:23:34+5:30

अमावस्या की शाम घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

Mauni Amavasya: Importance of maun vrat and things people donate on this amavasya | मौनी अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें, जानें 8 महत्वपूर्ण बातें

मौनी अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें, जानें 8 महत्वपूर्ण बातें

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ महीने की अमावस्या को 'मौनी अमावस्या' कहा जाता है। इस अमावस्या को माघी अमावस्या और सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या में मौन रहने का महत्व होता है इसलिए इसका नाम मौनी अमावस्या है। कहते हैं कि मौनी शब्द संस्कृत के 'मुनि' शब्द से निकला है, इसलिए मौनी अमावस्या के दिन भारत की पवित्र नदियों के पास ऋषि-मुनि मौन साधना करते दिखाई देते हैं। 


मौनी अमावस्या पर विष्णु पूजन, व्रत और दान-पुण्य का महत्व है। कहते हैं इसदिन पूरे दिन मौन रहने और विशेष दान कर्म करने वाले व्यक्ति के अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है। यहां हम आपको बताएंगे कि इच्छा पूर्ती  और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए माघी अमावस्या के दिन क्या करें। साथ ही जानें इसिदन शास्त्रों के अनुसार किन कार्यों को वर्जित माना गया। 

क्या करें: 

मौनी अमावस्या के दिन चींटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाएं। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या पर दान कर्म करने से पितर पक्ष प्रसन्न होते हैं। चीटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाने से पितरों संबंधी दोष से मुक्ती मिलती है।

चीटियों के अलावा आते की चोटी चोटी गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं या फिर बहते जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है।

मौनी अमावस्या को कुंडली दोष से मुक्ती दिलाने वाली अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। इसदिन कालसर्प दोष निवारण हेतु सुबह स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें। इसके बाद सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। कालसर्प दोष से राहत पाने का ये अचूक उपाय है। 

अमावस्या की शाम घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

कहते हैं कि मौनी अमावस्या मनु ऋषि के जन्मदिन के रूप में भी मनाई जाती है। इस उपलक्ष्य पर पीपल पूजन का महत्त्व है। किसी भी मंदिर में पीपल के पेड़ की आठ परिक्रमा करने के बाद मौली-कलावा बांधे। यह समस्या आपकी इच्छाओं की पूर्ती कर सकता है। 

क्या ना करें: 

यदि इस अमावस्या पर आपने मौन व्रत रखा है तो भूल से भी कुछ ना कहें। यदि किसी से बात करना बहुत जरूरी हो तो हल्की आवाज में बात करें। 

ध्यान रहे कि नहाते समय और पूजा-पाठ करते समय भी बात ना करें। 

इसदिन ब्राह्मण को दान दक्षिणा देते समय उनकी आंखों में ना देखें।  बिना बोले दान दें। दान देते समय मन में अपने पितरों या घर के बड़े बुजुर्गों का नाम लेते हुए दान करें। 

मौनी अमावस्या के दिन अपने शरीर को दूषित ना रखें, स्नान अवश्य करें। 

Web Title: Mauni Amavasya: Importance of maun vrat and things people donate on this amavasya

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