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मौनी अमावस्या पर कुंभ का दूसरा शाही स्नान, बने रहे दो बड़े शुभ संयोग, ऐसे पाएं लाभ

By गुलनीत कौर | Updated: February 3, 2019 08:16 IST

ज्योतिष परिणामों के अनुसार 3 फरवरी की रात 11:50 पर अमावस्या तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन 4 फरवरी की दोपहर 2:30 बजे तक मान्य रहेगी। इस बीच स्नान करने से धन, सुख, संपदा, यश की प्राप्ति हो सकती है।

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माघ महीने की अमावस्या को हिन्दू धर्म में माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। यह दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और मौन रहकर व्रत करने का होता है। यूं तो साल में बारह बार अमावस्या आती है और हर अमावस्या पर पूजा-पाठ, व्रत किया जाता है किन्तु माघ महीने की मौनी अमावस्या का महत्व अधिक माना गया है। इस वर्ष 4 फरवरी, दिन सोमवार को मौनी अमावस्या है।

मौनी अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान:

इस समय प्रयागराज में अर्ध कुंभ चल रहा है। मौनी अमावस्या के दिन कुंभ का दूसरा शाही स्नान होगा। अमावस्या होने के कारण इस शाही स्नान का महत्व और भी बढ़ जाता है। ज्योतिष परिणामों के अनुसार इसदिन कई सारे शुभ संयोग बन रहे हैं। जिनका भक्तगण आसानी से लाभ पा सकते हैं।

हिन्दू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या 4 फरवरी को है किन्तु ज्योतिष परिणामों की मानें तो 3 फरवरी की रात 11 बजकर 50 मिनट से ही अमावस्या तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन 4 फरवरी की दोपहर 2 बजाकर 30 मिनट तक मान्य रहेगी। इस बीच ही स्नान करने से धन, सुख, संपदा, यश की प्राप्ति हो सकती है।

यह भी पढ़ें: फरवरी में चार बड़े ग्रह बदलेंगे अपनी राशि, रहें सावधान, बुरे प्रभावों से बचने के लिए करें ये काम

सोमवार का शुभ संयोग

ज्योतिष परिणामों की मानें तो इस बार अमावस्या तिथि सोमवार को पड़ रही है। इससे दुलर्भ संयोग बनाता। सोमवार चन्द्रमा का दिन होता है और मौनी अमावस्या को चन्द्रमा का नक्षत्र 'श्रवण' ही होगा। इन दो संयोगों से इस साल की मौनी अमावस्या को ढेर सारे शुभ फल प्रदान करने वाली माना जा रहा है। लाभ पाने के लिए पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी फल प्राप्ति हो जाएगी।

मौनी अमावस्या का महत्व:

मौनी अमावस्या को हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है। इसदिन गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व होता है। यदि पवित्र नदी तक ना पहुंच सकें तो गंगा जल से स्नान करने से भी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मौन रहकर करें व्रत:

मौनी अमावस्या का नाम मौनी इसलिए भी पड़ा क्योंकि इसदिन मौन रहकर व्रत किया जाता है। व्रत का संकल्प लेने वाला साधक पूरे दिन तक कुछ नहीं कहा सकता। उसे शांत रहकर ईश्वर को अपना समय देना होता है। व्रत का पारण करें के बाद ही वह कुछ कह सकता है।

मौनी अमावस्या उपाय:

1) मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें, या फिर गंगाजल मिलाकर स्नान करें2) इस दिन प्रातः जल्दी उठाकर स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य देना ना भूलें3) अन्न, वस्त्र का दान करना इसदिन शुभ माना जाता है4) सुबह विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें5) घर में बड़ों का आदर करें और उनसे प्रेमपूर्वक बात करें

टॅग्स :मौनी अमावस्याकुम्भ मेलापूजा पाठ
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