आज मौनी अमावस्या, भूल से भी ना करें ये 5 काम, शनि की पड़ेगी मार
By गुलनीत कौर | Published: February 3, 2019 07:57 AM2019-02-03T07:57:05+5:302019-02-04T13:19:14+5:30
मौनी अमावस्या के दिन सुबह देर तक रहने से अशुभ प्रभाव होते हैं। इसदिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद पूजा-पाठ आदि कर्म भी करने चाहिए।
मौनी अमावस्या इस वर्ष 4 फरवरी, दिन सोमवार को है। इसे माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और मौन रहकर व्रत करने का होता है। पंचांग के अनुसार 3 फरवरी की रात 11 बजकर 50 मिनट से ही अमावस्या तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन 4 फरवरी की दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक मान्य रहेगी। इसदिन सूर्य उदय के बाद से ही धार्मिक स्नान होगा एवं लोग व्रत का संकल्प लेंगे।
क्या है मौनी अमावस्या?
माघ महीने की अमावस्या को हिन्दू धर्म में माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। यूं तो साल में बारह बार अमावस्या आती है और हर अमावस्या पर पूजा-पाठ, व्रत किया जाता है किन्तु माघ महीने की मौनी अमावस्या का महत्व अधिक माना गया है। इसदिन गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व होता है। यदि पवित्र नदी तक ना पहुंच सकें तो गंगा जल से स्नान करने से भी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मौनी अमावस्या शुभ संयोग
ज्योतिष परिणामों की मानें तो इस बार अमावस्या तिथि सोमवार को पड़ रही है। इससे दुलर्भ संयोग बनाता। सोमवार चन्द्रमा का दिन होता है और मौनी अमावस्या को चन्द्रमा का नक्षत्र 'श्रवण' ही होगा। इन दो संयोगों से इस साल की मौनी अमावस्या को ढेर सारे शुभ फल प्रदान करने वाली माना जा रहा है। लाभ पाने के लिए पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी फल प्राप्ति हो जाएगी।
मौन रहकर करें व्रत:
मौनी अमावस्या का नाम मौनी इसलिए भी पड़ा क्योंकि इसदिन मौन रहकर व्रत किया जाता है। व्रत का संकल्प लेने वाला साधक पूरे दिन तक कुछ नहीं कहा सकता। उसे शांत रहकर ईश्वर को अपना समय देना होता है। व्रत का पारण करें के बाद ही वह कुछ कह सकता है।
मौनी अमावस्या उपाय:
1) मौनी अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें, या फिर गंगाजल मिलाकर स्नान करें
2) इस दिन प्रातः जल्दी उठाकर स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य देना ना भूलें
3) अन्न, वस्त्र का दान करना इसदिन शुभ माना जाता है
4) सुबह विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें
5) घर में बड़ों का आदर करें और उनसे प्रेमपूर्वक बात करें
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ये ना करें:
1) ऐसी जगहों से दूर रहें: मौनी अमावस्या या किसी भी अमावस्या के दिन श्मशान, कब्रिस्तान जैसी जगहों से दूर रहना चाहिए। अमावस्या की रात बुरी ताकतें सक्रीय हो जाती हैं, ऐसे में इन जगहों के पास जाना भी जोखिम भरा होता है। इसके अलावा अमावस्या की रात श्मशान में तांत्रिक साधनाएं भी होती हैं।
2) स्नान में ध्यान रखें ये बातें: मौनी अमावस्या के दिन सुबह देर तक रहने से अशुभ प्रभाव होते हैं। इसदिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद पूजा-पाठ आदि कर्म भी करने चाहिए। स्नान करते समय मौन रहें। यह जरूरी होता है।
3) पति-पत्नी ये काम ना करें: मौनी अमावस्या पर पूजा-पाठ आदि की विशेष महत्व होता है। संभोग जैसी क्रियाएं हमें इससे दूर करती हैं। शुभ फल पाना हो तो मौनी अमावस्या के दिन पति-पत्नी शारीरिक रूप से एक दूसरे से दूरी बनाए रखें। इसदिन संभोग करने से पितृगण नाराज होते हैं।
4) अपशब्द ना कहें: किसी बड़े या घर के छोटे को भी अपशब्द ना कहें। वाद-वोवाह और गुस्से से भी बचें। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत करें। मन में सकारात्मक विचार लाएं। तभी देवी देवताओं का आप पर आशीर्वाद बनेगा।
5) शनि की क्रूर दृष्टि से बचें: मौनी अमावस्या के दिन किसी गरीब अथवा असहाय व्यक्ति का मजाक उड़ाने, उसे अपशब्द कहने से न्याय के देवता शनि नाराज होते हैं। इसके अलावा मांसाहारी भोजन करने से भी भोजन। सिर्फ और सिर्फ सात्विक भोजन ग्रहण करें।