लाइव न्यूज़ :

Mangla Gauri Vrat 2024: कब है मंगला गौरी व्रत? विवाहित महिलाओं के लिए क्यों होता है बहुत खास, जानें पूजा विधि

By मनाली रस्तोगी | Updated: July 12, 2024 05:28 IST

मंगला गौरी व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। 

Open in App
ठळक मुद्देहिंदुओं के लिए सावन का पवित्र महीना 22 जुलाई 2024 को शुरू होगा और 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगा।यह व्रत अखंड वैवाहिक सुख, संतान प्राप्ति और संतान की सुरक्षा और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।मंगला गौरी व्रत को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और शेष दक्षिण भारत में श्री मंगला गौरी व्रतम के रूप में भी जाना जाता है।

Mangla Gauri Vrat 2024: हिंदुओं के लिए सावन का पवित्र महीना 22 जुलाई 2024 को शुरू होगा और 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगा। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है जिन्हें महादेव भी कहा जाता है। महादेव की पूजा के साथ-साथ उन्हें प्रसन्न करने के लिए प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह का हर दिन महादेव की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। 

हालांकि, इस महीने के प्रत्येक मंगलवार को देवी गौरी (देवी पार्वती का अवतार) की पूजा करने की परंपरा है। सावन के महीने में जहां सोमवार को महादेव की पूजा की जाती है, वहीं हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत अखंड वैवाहिक सुख, संतान प्राप्ति और संतान की सुरक्षा और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। 

इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। द्रिक पंचांग की वेबसाइट के अनुसार, "भक्त श्रावण माह के दौरान व्रत रखने या श्रावण माह से शुरू करके सोलह सप्ताह तक व्रत रखने का संकल्प लेते हैं।" मंगला गौरी व्रत को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और शेष दक्षिण भारत में श्री मंगला गौरी व्रतम के रूप में भी जाना जाता है।

मंगला गौरी व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। 

मंगला गौरी व्रत की तिथि

23 जुलाई पहला मंगला गौरी व्रत

30 जुलाई दूसरा मंगला गौरी व्रत

6 अगस्त तीसरा मंगला गौरी व्रत

13 अगस्त चौथा मंगला गौरी व्रत

पूजा विधि

मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ और धुले हुए कपड़े पहनें। उस क्षेत्र को लाल कपड़े से ढक दें जहां आप देवी गौरी की मूर्ति रखने की योजना बना रहे हैं। उसपर धीरे-धीरे देवी गौरी की मूर्ति और व्रत का सारा सामान रखें। 

इसके बाद मां मंगला गौरी के सामने व्रत का संकल्प लें और आटे का दीपक जलाएं। फिर देवी गौरी की विधि-विधान से पूजा करें और उन्हें फल, फूल आदि चढ़ाएं। अंत में आरती करें और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करके पूजा समाप्त करें।

टॅग्स :मंगला गौरीपूजा पाठसावनभगवान शिव
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठDiwali Puja Time Today: दिवाली पूजा का समय और शुभ मुहूर्त कब है?, 20 अक्टूबर गणेश-लक्ष्मी पूजा...

पूजा पाठHappy Diwali 2025 Wishes: दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, मैसेज, फोटो, स्टेटस...

क्रिकेटVIDEO: सूर्यकुमार यादव पत्नी के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और दर्शन किए, देखें वीडियो

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: सरगी करने का सही समय क्या? जानें करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: पहली बार किसने रखा था करवा चौथ का व्रत, कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें यहां

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार