Makar Sankranti 2020: 14 या 15 जनवरी जानें कब है मकर संक्रांति, पूजा विधि से लेकर मुहूर्त तक जानिए सब कुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 13, 2020 06:20 PM2020-01-13T18:20:40+5:302020-01-13T18:20:40+5:30
Makar Sankranti 2020 Date 14 or 15: मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है, जो कि बहुत ही शुभ घटना है। इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
हिंदू धर्म में मकर संक्राति एक प्रमुख त्योहार में से एक है। यह सूर्य देव को समर्पित पर्व है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने को संक्रांति कहते हैं।
किस दिन है मकर संक्रांति का त्योहार
मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है, जो कि बहुत ही शुभ घटना है। इस साल मकर संक्रांति की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिष के अनुसार, इस बार सूर्य, मकर राशि में 14 जनवरी की रात 2.07 बजे प्रवेश करेगा।
इसलिए संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्राति से अग्नि तत्व की शुरुआत होती है और कर्क संक्राति से जल तत्व की। इस समय में सूर्य उत्तरायण में होता है। इस समय किए गए जाप और दान का फल अनंत गुना होता है।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य आत्म, सरकारी नौकरी, उच्च पद, प्रतिष्ठा, मान-सम्मान, नेतृत्व क्षमता आदि का कारक है। यह तुला राशि में नीच का और मेष राशि में उच्च का होता है। जबकि सिंह राशि का यह स्वामी है।
देश में अलग-अलग तरीकों से मनती है मकर संक्रांति
मकर संक्रांति के पर्व को देश के अलग-अलग जगहों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उसी तरह इसमें खान-पान की विभिन्नता भी मिलती है। इस दिन तिल का हर जगह किसी न किसी रूप में प्रयोग होता है।
इसी के साथ ही माघ महीने में माघ मेले का भी आयोजन किया जाता है। मेले में साधु-संतो की भीड़ भी होती है।
मकर संक्रांति कैसे मनाएं ?
- भोर में स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें।
- श्रीमद्भागवद् के एक अध्याय का पाठ या गीता का पाठ करें।
- नए अन्न, कम्बल और घी का दान करें।
- भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं।
- भगवान को भोग लगाने के बाद उसे ग्रहण करें।
सूर्य से लाभ पाने के लिए क्या करें?
- लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें।
- सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें।
- मंत्र होगा - "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"।
- लाल वस्त्र, ताम्बे के बर्तन तथा गेंहू का दान करें।
- संध्या काल में अन्न का सेवन न करें।