Mahavir Jayanti 2020: सिर्फ कुएं के जल से ही क्यों किया जाता है महावीर स्वामी का अभिषेक, यहां जानिए वजह
By मेघना वर्मा | Updated: April 6, 2020 09:33 IST2020-04-06T06:13:46+5:302020-04-06T09:33:56+5:30
महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर माने जाते हैं। हर साल जैन समुदाय बड़ी धूम-धाम से महावीर स्वामी की जयंती को मनाता है।

Mahavir Jayanti 2020: सिर्फ कुएं के जल से ही क्यों किया जाता है महावीर स्वामी का अभिषेक, यहां जानिए वजह
आज जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी या वर्धमान महावीर भगवान की जयंती है। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर माने जाते हैं। हर साल जैन समुदाय बड़ी धूम-धाम से महावीर स्वामी की जयंती को मनाता है।
महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था। उन्होंने हमेशा ही अहिंसा का समर्थन किया। उनका जीवन त्याग और तपस्या से भरा हुआ था। महावीर स्वामी की माता का नाम 'त्रिशला देवी' और पिता का नाम 'सिद्धार्थ' था।
बचपन में महावीर का नाम 'वर्धमान' था, लेकिन बाल्यकाल से ही यह साहसी, तेजस्वी, ज्ञान पिपासु और अत्यंत बलशाली होने के कारण 'महावीर' कहलाए। भगवान महावीर ने अपनी इन्द्रियों को जीत लिया था, जिस कारण इन्हें 'जीतेंद्र' भी कहा जाता है। विश्वभर के जैन मंदिरों में भगवान महीवर की लोग पूजा अर्चना करते हैं।
महावीर स्वामी का अभिषेक करने में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उनका अभिषेक कुएं के पानी से ही किया जाए। इसके पीछे की मान्यता है कि भगवान महावीर सबका कल्याण करें। महावीर ब्रह्मचारी थे इसिलए उनपर सभी शुद्ध चीजों को चढ़ाया जाता है। कुंए के गर्म और शुद्ध जल उसी का स्वरूप हैं।
अभिषेक के बाद महावीर स्वामी का चालीसा पाठ किया जाता है। इसके बाद नगर में उनकी प्रभात फेरी निकाली जाती है। मगर इस बार कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में ही महावीर जयंती मनाएंगे।

