Mahavir Jayanti 2021: स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? पढ़ें भगवान महावीर के ऐसे ही 10 अनमोल वचन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 25, 2021 01:37 PM2021-04-25T13:37:23+5:302021-04-25T18:49:14+5:30

Mahavir Jayanti 2021: महावीर स्वामी ने साधु, साध्वी, श्रावक और श्राविका इन चार तीर्थों की स्थापना की थी। इसी वजह से महावीर स्वामी तीर्थंकर कहलाए।   

​​​​​​​Mahavir Jayanti 2020 thoughts of mahavira swami updesh important facts panchsheel shiddhant | Mahavir Jayanti 2021: स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? पढ़ें भगवान महावीर के ऐसे ही 10 अनमोल वचन

खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

Highlightsभगवान महावीर का जन्म 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार में हुआ था।भगवान महावीर का जन्म जन्म रानी त्रिशला और राजा सिद्धार्थ से हुआ था। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने सबकुछ छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया। 

Mahavir Jayanti 2021: इस साल 25 अप्रैल को महावीर जयंती मनाई जा रही है। महावीर स्वामी को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर के रूप में जाना जाता है। सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाने वाले भगवान महावीर की जयंती पर लोग विशेष तरह की पूजा और शोभा यात्रा निकालते हैं। 

इस समय देश में लॉकडाउन का माहौल चल रहा है। जिसकी वजह से इस साल महावीर जयंती के कार्यक्रम होना संभव नहीं। भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व चैत्र के महीने में आधे चमकीले चंद्रमा के तेरहवें दिन बिहार में हुआ था। 

महावीर स्वामी आज भी अपने उपदेशों के लिए जाने जाते हैं। महावीर जी ने हमेशा जियो और जीने दो का संदेश दिया। साथ ही उन्होंने अपने हर भक्त को अंहिसा, सत्य, अक्षत और ब्रह्मचर्य का पालन करने को कहा। इन बातों को उन्होंने अपने कुछ अनमोल वचनों के साथ कहा। आइए जानते हैं क्या थे उनके अनमोल वचन-

1) भगवान का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है। 

2) सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है।

3) प्रत्येक जीव स्वतंत्र है। कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता।

4) किसी आत्मा की सबसे बड़ी गलती अपने असल रूप को ना पहचानना है और यह केवल आत्म ज्ञान प्राप्त कर के ठीक की जा सकती है।

5) प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता।

6) शांति और आत्म नियंत्रण अहिंसा है।

7) सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।

8) अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।

9) स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? वह जो स्वयं पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी।

10) खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

Web Title: ​​​​​​​Mahavir Jayanti 2020 thoughts of mahavira swami updesh important facts panchsheel shiddhant

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