Mahashivratri 2021: शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती तुलसी समेत ये 7 चीजें, कहीं आप भी तो नहीं करते ये गलती
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 11, 2021 08:00 AM2021-03-11T08:00:16+5:302021-03-11T08:02:38+5:30
महाशिवरात्रि पर शिवजी को भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र, फल और फूल आदि अर्पित किया जाता है। हालांकि कई ऐसी चीजें भी हैं जिसका इस्तेमाल भगवान शिव की पूजा में नहीं करना चाहिए।
महाशिवरात्रि का त्योहार आज मनाया जा रहा है। इस मौके पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस बार ये तिथि 11 मार्च को पड़ रही है।
शिव भक्तों के लिए ये दिन विशेष है। देश भर के शिव मंदिरों में इस दिन विशेष आयोजन होता है। कई जगहों पर भगवान शिव की बारात निकाली जाती है। वहीं, दाम्पत्य जीवन में भी खुशहाली के लिए लोग महाशिवरात्रि का व्रत करते हैं। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर के लिए महाशिवरात्रि का व्रत करती हैं।
ऐसा कहते हैं कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान है। वे भोले हैं और भक्तों की पूजा पर जल्द प्रसन्न होते हैं। इस दिन शिवजी को भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र, फल और फूल आदि अर्पित किया जाता है। ये सब उनके प्रिय हैं। वहीं, माता पार्वती के लिए सुहागन महिलाएं सुहाग की प्रतीक जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित करती हैं। इस पूरे दिन उपवास करें। फलाहार कर सकते हैं पर नमक का सेवन नहीं करें।
हालांकि, कई ऐसी भी चीजें हैं जिसका इस्तेमाल भगवान शिव की पूजा में वर्जित है। इन चीजों को भूलकर भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। आईए हम आपको इन चीजों के बारे में बताते हैं।
महाशिवरात्रि: शिवलिंग पर नहीं चढ़ाए ये 7 चीजें
तुलसी: हिंदू धर्म में तुलसी का बहुत महत्वा है। हर पूजा और शुभ मौकों पर इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि शिवजी पर तुलसी नहीं चढ़ाया जाता है।
टूटे हुए चावल: ऐसे चावलों को शिव पूजा में इस्तेमाल के लिए अशुद्द माना गया है। इसलिए इसे नहीं चढ़ाना चाहिए।
नारियल: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा में नारियल का इस्तेमाल होता है। हालांकि इसे भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। नारियल का संबंध माता लक्ष्मी से है। इसलिए नारियल का पानी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं।
शंख: शिवजी की पूजा में शंख का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार शंखचूड़ नाम के असुर का शिवजी ने किया था। वो भगवान विष्णु का भक्त था। शंख को शंखचूड़ का ही प्रतीक माना गया है।
हल्दी: शिवजी को हल्दी और कुमकुम भी अर्पित नहीं किया जाता है।
केतकी के फूल: शिवजी को केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। इसके पीछे भी पौराणिक कथा है। ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच श्रेष्ठ कौन है, इसे लेकर दोनों देवताओं में विवाद हो गया था। कथा के अनुसार ब्रह्मा जी ने खुद को श्रेष्ठ बताने और शिवलिंग के छोर तक पहुंचने के दावे के लिए केतकी के फूल को साक्षी बताया था। केतकी पुष्प के झूठा साक्ष्य देने पर शिवजी ने नाराज होकर उसके अपने पूजा में कभी इस्तेमाल नहीं होने की बात कही।
तिल: शिवलिंग पर तिल भी नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। मान्य है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ है। इसलिए इसे शिवजी को अर्पित नहीं किया जाता है।