लाइव न्यूज़ :

Lohri 2024 Date: 13 या 14 जनवरी कब है लोहड़ी? नोट करें सही समय और डेट

By अंजली चौहान | Updated: January 9, 2024 10:22 IST

आग के चारों ओर ढोल की लयबद्ध थाप के साथ सामुदायिक नृत्य, भरपूर फसल की सफलता के लिए सामूहिक कृतज्ञता और खुशी का प्रतीक है।

Open in App

Lohri 2024 Date: सिख समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला लोहड़ी का त्योहार उत्साह और खुशी से भरपूर है। वैसे तो लोहड़ी पूरे भारत  के लोग मनाते हैं और सर्दियों में इस त्योहार का आनंद लेते हैं लेकिन विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में हिंदू और सिख समुदायों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

लोहड़ी परंपरागत रूप से मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है, इसमें लकड़ी और गाय के गोबर के उपलों का उपयोग करके औपचारिक रूप से अलाव जलाना शामिल होता है। साथ ही, अनुष्ठान के हिस्से के रूप में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली जैसे स्वादिष्ट प्रसाद भी बांटे जाते हैं।

लोहड़ी की रात के समय लोग आग जलाते हैं और उस आग के चारों तरफ घूम कर डांस करते हैं। इस दौरान लोग एक साथ अपने परिवार और दोस्तों के साथ इकट्ठा होते हैं। मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाए जाने वाले इस त्योहार को लेकर इस बार समस्या पैदा हो रही है क्योंकि संक्रांति इस बार 14 को नहीं बल्कि 15 को है। ऐसे में सवाल उठता है कि लोहड़ी किस दिन है?

कब है लोहड़ी?

वैसे तो लोहड़ी 13 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन इस बार इसे 14 जनवरी को मनाया जाएगा। चूंकि मकर संक्रांति 15 को है ऐसे में लोहड़ी 14 को मनाई जा रही है।

मुहूर्त

तृतीया तिथि 14 जनवरी प्रातः 07:59 बजे तक

चतुर्थी तिथि 15 जनवरी प्रातः 04:59 बजे तक

शुभ समय: ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 05:27 बजे से प्रातः 06:21 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:09 बजे से 12:51 बजे तक

क्या है इस त्योहार का महत्व?

लोहड़ी फसलों की बुआई और कटाई के सार का प्रतीक है, जो लंबी रातों से गर्म दिनों की ओर बदलाव का प्रतीक है। यह त्यौहार कृषि समृद्धि का जश्न मनाता है, जिसमें सूर्य देव (सूर्य देवता) और अग्नि देवता (अग्नि) से आगे की फलदायी फसल के लिए प्रार्थना की जाती है। अलाव जलाना, नाश्ता करना और आग की लपटों के चारों ओर गाना और नृत्य करना उत्सव का अभिन्न अंग हैं।

आग के चारों ओर ढोल की लयबद्ध थाप के साथ सामुदायिक नृत्य, भरपूर फसल की सफलता के लिए सामूहिक कृतज्ञता और खुशी का प्रतीक है। एक त्योहार होने के अलावा, लोहड़ी एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में कार्य करती है जो समुदायों को एकजुट करती है, स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने और साझा समृद्धि का जश्न मनाने के माध्यम से एकजुटता की भावना को बढ़ावा देती है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है, जिसकी पुष्टि लोकमत हिंदी नहीं करता है। कृपया किसी भी सलाह का पालन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह आवश्य लें।)

टॅग्स :लोहड़ीत्योहारहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार