Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी या कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ हिंदू त्योहार भाद्रपद माह के श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में भक्त भगवान कृष्ण की 5252वीं जयंती मनाएँगे। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में देश भर में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। उन्हें भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है और पूरे भारत में उनकी पूजा की जाती है। इस दिन को जन्माष्टमी, कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती और श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी।
Krishna Janmashtami 2025: आज घर पर क्या लाएं, प्रभु होंगे खुश!
बाल गोपाल की मूर्ति
अगर आप बाल गोपाल की सेवा करना चाहते हैं और आपके के घर में उनका स्वरूप नहीं है तो जन्माष्टमी से पहले ही उन्हें घर ले आएं। दरअसल, इस काम के लिए जन्माष्टमी का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन आप बाल गोपाल की मूर्ति घर लाएं और आधी रात को स्नान व भोग लगाने के साथ झूला जरूर झुलाएं।
बांसुरी
भगवान कृष्ण को बांसुरी बहुत पसंद है। भगवान कृष्ण हमेशा अपने पास रखते हैं। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन आप बांसुरी घर ला सकते हैं। इसे घर में रखने से वास्तु दोष दूर होता है। मंदिर या फिर किसी दीवार में बांसुरी टांगने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होने के साथ बिजनेस, करियर में अपार सफलता के साथ खूब मुनाफा होता है। इसके साथ ही बेडरूम में बांसुरी को रखने से दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।
मोर पंख
भगवान कृष्ण हमेशा अपने मुकुट में मोर पंख लगाए रहते हैं। इसे राधा के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसे जन्माष्टमी के दिन घर लाने से घर में बरकत बनी रहती हैं। कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
गाय और बछड़े की मूर्ति
गाय और बछड़े की मूर्ति जन्माष्टमी के दिन घर लाना चाहिए। गाय को कामधेनु का प्रतीक माना जाता है, जो समुद्र मंथन के दौरान निकले 14 रत्नों में से एक मानी जाती है। इसे घर में रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। मानसिक, शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि, धन-सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है।
माखन
लड्डू गोपाल को माखन चोर कहा जाता है। भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री अति प्रिय है। भगवान कृष्ण को इसे चढ़ाने से जीवन में खुशियां आती है।
जन्माष्टमी का दिन कृष्ण पक्ष की अष्टमी या भाद्रपद महीने के आठवें दिन पड़ता है। हिंदू महाकाव्यों के अनुसार, कृष्ण का जन्म आधी रात को आधुनिक मथुरा, उत्तर प्रदेश की एक जेल में रानी देवकी और राजा वासुदेव के यहां हुआ था। भगवान कृष्ण करुणा, प्रेम और दयालुता के देवता के रूप में पूजनीय हैं। उन्हें शरारती शरारतें करने और अपनी सर्वोच्च शक्तियों से चमत्कार करने के लिए भी जाना जाता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।)