Krishna Janmashtami 2024: ऐसे करें लड्डू गोपाल का अभिषेक, दूर होंगे सभी दुख, भगवान सुनेंगे मनोकामना
By मनाली रस्तोगी | Updated: August 21, 2024 10:24 IST2024-08-21T10:24:19+5:302024-08-21T10:24:19+5:30
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 3:39 बजे से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 27 अगस्त को सुबह 2:19 बजे तक रहेगी। इसका कारण यह है कि भगवान का अवतार आधी रात को हुआ था। शुभ समय 27 अगस्त की रात 12:01 बजे से 12:51 बजे तक रहेगा।

Krishna Janmashtami 2024: ऐसे करें लड्डू गोपाल का अभिषेक, दूर होंगे सभी दुख, भगवान सुनेंगे मनोकामना
Krishna Janmashtami 2024: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस बार जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन गोकुल से लेकर वृन्दावन, मथुरा के मंदिरों से लेकर घरों तक श्री कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूजा से भगवान का अभिषेक करने से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
भगवान का एक रूप लड्डू गोपाल का भी है। आइए जानते हैं लड्डू गोपाल की पूजा के बारे में। मुहूर्त का अत्यधिक महत्व है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 3:39 बजे से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 27 अगस्त को सुबह 2:19 बजे तक रहेगी। इसका कारण यह है कि भगवान का अवतार आधी रात को हुआ था। शुभ समय 27 अगस्त की रात 12:01 बजे से 12:51 बजे तक रहेगा।
व्रत का पालन कैसे करें?
भगवान कृष्ण की पूजा के अलावा व्रत रखना भी जन्माष्टमी का एक महत्वपूर्ण पहलू है। जन्माष्टमी के एक दिन पहले से लहसुन, प्याज, बैंगन और मूली जैसे तामसिक भोजन से बचने और ब्रह्मचर्य बनाए रखते हुए केवल सात्विक भोजन का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
जन्माष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें, स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और केवल फल या पानी का सेवन करके व्रत रखने का संकल्प लें। पूरा दिन कृष्ण भक्ति को समर्पित करें और आधी रात को भगवान कृष्ण को विशेष व्यंजन चढ़ाकर उनके जन्म का जश्न मनाएं। व्रत अगले दिन खोल सकते हैं।
कैसे करें लड्डू गोपाल का अभिषेक?
कच्चे दूध से लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। उन्हें देशी घी, शहद, दही और गंगाजल से स्नान कराएं। उसे नये कपड़े पहनाओ। मुकुट, मोरपंख, बांसुरी रखें। लड्डू गोपाल को मक्खन का भोग लगाएं। यह उन्हें काफी पसंद है। इस प्रसाद में तुलसी के पत्ते अवश्य रखें क्योंकि तुलसी के पत्ते भगवान को संतुष्ट करते हैं। ऐसा शास्त्रों में लिखा है।