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Kamada Ekadashi 2020: कामदा एकादशी कल, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

By मेघना वर्मा | Updated: April 3, 2020 09:49 IST

Kamada Ekadashi kab hai: भगवान विष्णु की कृपा से कामदा एकादशी का व्रत करने वाले को बैकुंड जाने का सौभाग्य मिलता है।

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ठळक मुद्दे कामदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्प पापों का नाश होता है।एकादशी के दिन सृष्टि के पालनहार कहे जाने वाले भगवान विष्णु एवं उनके अवतारों की पूजा करने का महत्व है।

सनातन धर्म में एकादशी के दिन को महत्वपूर्ण बताया गया है। वैसे तो हर माह दो एकादशी आती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। पूरे साल में 24 एकादशी होती है। मगर अधिक मास लगने पर यह एकादशी बढ़कर 26 हो जाती है। 

एकादशी के दिन सृष्टि के पालनहार कहे जाने वाले भगवान विष्णु एवं उनके अवतारों की पूजा करने का महत्व है। इन्हीं एकादशी में खास है कामदा एकादशी। मान्यता है कि इस एकादशी को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है। 

इस साल कामदा एकादशी अप्रैल महीने की चार तारीख को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से मनुष्य मृत्यु के बाद प्रेत योनि से छुटकारा पा जाता है। साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। कामदा एकादशी के दिन लोग दिन भर उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। 

आइए आपको बताते हैं क्या है कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

कामदा एकादशी - 4 अप्रैल

एकादशी तिथि प्रारंभ - 12:58 AM (04 अप्रैल)एकादशी तिथि समाप्त - 10:30 PM (04 अप्रैल)एकादशी पारण समय - 5 अप्रैल (06:06 AM - 08:37 AM)

कामदा एकादशी का महत्व

माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्प पापों का नाश होता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु की कृपा से कामदा एकादशी का व्रत करने वाले को बैकुंड जाने का सौभाग्य मिलता है। इस व्रत को करने से प्रेस योनी से मुक्ति मिलती है। 

कामदा एकादशी की पूजा विधि

1. एकादशी के दिन नहा-धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।2. दाहिने हाथ में जल लेकर कामदा एकादशी का संकल्प लें। 3. अब पूजा स्थान पर बैठ भगवान विष्णु की प्रतीमा की स्थापना करें। 4. फिर चंदन, अक्षत, फूल, धूप, गंध, दूध, फल, तिल, पंचामृत आदि से विधिपूर्वक भगवान की पूजा करें।

5. अब कामदा एकादशी की कथा कहें। 6. पूजा समापन के समय भगवान विष्णु की आरती करें। 7. बाद में प्रसाद का वितरण करें।

टॅग्स :एकादशीभगवान विष्णुपूजा पाठ
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