कलियुग के अंत में ऐसे जन्म लेंगे कल्कि भगवान, इस देव की आज्ञा पाकर लेंगे इंसानी अवतार-कल्कि पुराण में लिखी है ये रोचक गाथा
By मेघना वर्मा | Published: May 11, 2020 10:35 AM2020-05-11T10:35:33+5:302020-05-11T10:45:24+5:30
हर युग में धर्म की रक्षा के लिए किसी ना किसी भगवान ने इंसानी रुप में अवतार लिया है। साथ ही अपनी लीला से पापियों का नाश भी किया है।
हिन्दू धर्म में चार युग माने जाते हैं। सतयुग, द्वापरयुर, त्रेतायुग और कलियुग। मान्यता है कि इस समय कलियुग चल रहा है। हर युग में धर्म की रक्षा के लिए किसी ना किसी भगवान ने इंसानी रुप में अवतार लिया है। साथ ही अपनी लीला से पापियों का नाश भी किया है। इस कलियुग के अंत में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के जन्म लेने की कथा को बताया जाता है।
सिर्फ यही नहीं कल्कि पुराण में कई चीजों का जिक्र मिलता है। जैसे कल्कि भगवान का अवतार का जन्म कहां होगा? वे किस ब्राह्मण के घर पैदा होंगे साथ ही उनके परिवार के बारे में भी कई जानकारी मिलती है। आइए आपको बताते हैं कल्कि के जन्म से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
श्रीकृष्ण के समान होगा जन्म
कल्कि पुराण के अनुसार कल्कि भगवान का जन्म श्रीकृष्ण के जन्म के समान होगा। जिस तरह श्रीकृष्ण ने बचपन से ही अपनी लीलाएं दिखाना और लोगों की रक्षा करना शुरू किया था उसी प्रकार कल्कि भगवान भी लोगों की रक्षा करेंगे। शम्भल गांव में उनका जन्म होगा।
ब्रह्माजी की आज्ञा के बाद लेंगे अवतार
बताया जाता है कि कल्कि जी के चार हाथ होंगे लेकिन ब्रह्माजी वायु देव के जरिए कल्कि भगवान को संदेश भिजवाएंगे कि उन्हें मनुष्य के रूप में जन्म लेना है। ब्रह्मा जी का संदेश पाकर कल्कि भगवान मनुष्य रूप में प्रकट होंगे। ये लीला देखकर उनके माता-पिता भी हैरान रह जाएंगे।
देवदत्त घोड़े पर सवार हो करेंगे सबका नाश
बताया जाता है कि भगवान कल्कि के बाल रूप के दर्शन के लिए परशुराम, कृपाचार्य, वेदव्यास और द्रोणाचार्या जी के पुत्र आश्वथामा भिक्षुक के वेश में आएंगे। भगवान कल्कि के परिवार की बात करें तो उनके तीन भाई होंगे जो उनसे बड़े होंगे।
सम्भल गांव में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के पुत्र के रूप में कल्कि जन्म लेंगे। वहीं देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर अपनी कराल करवाल यानी तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे।