Kalki Avatar: भारतीय सिनेमा में हाल में रिलीज हुई फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' ने भारतीय पौराणिक इतिहास के अहम विष पर चर्चा छेड़ दी है। यह विषय है - 'कल्कि अवतार'। कौन हैं कल्कि अवतार? किस उद्देश्य से होगा भगवान कल्कि का अवतरण? किन पुराणों में हैं कल्कि अवतार का वर्णन? क्या सच में भगवान विष्णु कल्कि के अवतार में लेंगे जन्म? इन सभी प्रश्नों पर डालते हैं एक नजर...
1. कल्कि अवतार भगवान विष्णु जी का एक रूप होगा, जो कलियुग में धर्म की स्थापना के लिए जन्म लेगा। यह भगवान विष्णु जी का दसवां अवतार होगा।
2. पुराणों में भी कल्कि अवतार के विषय में वर्णन मिलता है, जिसके अनुसार, कलियुग के अंतिम चरण में कल्कि अवतार के बारे में बताया गया। बल्कि इन्हीं के नाम पर कल्कि पुराण भी है।
3. स्कंद पुराण के दसवें अध्याय में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि कलियुग में भगवान हरि श्रीकल्कि के रूप में संभल ग्राम में जन्म लेंगे। हालांकि संभल उत्तर प्रदेश में भी है और ओडिशा में भी है।
4. शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि जब कलियुग में पाप अपनी चरम सीमा पर होगा। चारों ओर धर्म की हानि हो रही होगी तब भगवान विष्णु विष्णुयशा नामक ब्राह्मण के घर कल्कि के रूप में जन्म लेंगे। वह 64 कलाओं में निपुण होंगे।
5. पौराणिक वर्णन बताता है कि कल्कि का वाहन सफेद घोड़ा (देवदत्त) होगा और वह इसी घोड़े में बैठकर पापियों और अधर्मियों का नाश कर धर्म की पुन: स्थापना करेंगे।
6. अग्नि पुराण में के सोलहवें अध्याय में कल्कि अवतार का चित्रण तीर-कमान धारण किए हुए एक घुड़सवार बेह शक्तिशाली योद्धा के रूप में किया गया है। कल्कि पुराण के अनुसार, वे चमचमाती तलवार से म्लेच्छों का नाश करेंगे।
7. गीता के अध्याय चार में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब मैं आता हूं, जब जब अधर्म बढ़ता है तब तब मैं आता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए मै आता हूं, दुष्टों के विनाश करने के लिए मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिए में आता हूं और युग युग में जन्म लेता हूं।