Holika Dahan 2025 Upay: आज देशभर में होलिका दहन पर्व मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से इस पर्व का विशेष महत्व होता है। होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में अग्नि प्रज्वलित कर बुरी शक्तियों को जलाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा-पाठ करने से समस्त प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं और साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
1. माना जाता है होलिका दहन के बाद जो राख बनती है वह बहुत ही उपयोगी मानी जाती है। इस राख को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है। साथ ही राख की भस्म भगवान शिव को भी चढ़ाई जाती है। ऐसा करने से शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2 होलिका की पवित्र भस्म को माथे पर लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। साथ ही शारीरिक कष्ट और शरीर में मौजूद नकारात्मक शक्तियां भी दूर होती हैं।
3. अगर किसी व्यक्ति पर नकारात्मक चीजों का प्रभाव है, तो उस व्यक्ति को एक ताबीज में होलिका की भस्म डालकर पहनाने से उसके ऊपर नेगेटिव एनर्जी का साया और टोने-टोटके का असर समाप्त हो सकता है।
4. अगर घर में वास्तु दोष है या फिर घर में अशांति का माहौल बना रहता है तो होलिका की राख की चार-पांच पोटली बना लें। इसके बाद इसे घर के अलग-अलग हिस्से में रख दें। ऐसा करने से घर में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी। सुख-शांति का वातावरण बनेगा।
5. होलिका दहन की रात कुछ सरसों और काले तिल के दाने लें और उनको अपने ऊपर से सात बार वार लें। फिर उनको होलिका की आग में डाल दें। ऐसा करने से आपके सभी कष्ट दूर होंगे और हर अधूरे कार्य पूरे होंगे।
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