Holika Dahan 2025: होलिका दहन हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो होली की पूर्व रात्रि के दिन विधि-विधान से मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। इस साल 13 मार्च (गुरुवार) 2025 को होलिका दहन किया जाएगा। वहीं, 14 मार्च 2025 को होली मनाई जाएगी। होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में अग्नि प्रज्वलित कर बुरी शक्तियों को जलाने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा-पाठ करने से समस्त प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं और साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। किंतु होलिका दहन की पूजा के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, जिन्हें जान लेना जरूरी है।
1. शास्त्रों में बताया गया है कि होलिका दहन के दिन किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे- गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन इत्यादि को नहीं करना चाहिए। इन पर अशुभ प्रभाव पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
2. होलिका की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए नवविवाहित कन्याओं को होलिका की जलती हुई अग्नि को देखने से बचना चाहिए।
3. होलिका दहन की चिता को बनाने में पीपल, बरगद अथवा आम के वृक्ष की लकड़ी का प्रयोग भूलकर भी ना करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और देवी-देवता क्रोधित हो जाते हैं।
4. होलिका का पूजन करते समय सर ढक खड़े होना चाहिए, यानि सर पर रूमाल या अंगोछा आदि अवश्य रखें। होली का भुना गन्ना चूसें, होला और अन्न अवश्य खायें ये प्रसाद होता है।
5. सास-बहू और घर के एकलौते बेटे को होलिका में आहुति नहीं डालनी चाहिए। सुझाव यह भी दिया जाता है कि सास और बहू को एक साथ होलिका दहन देखना भी नहीं चाहिए।