सोमवार को है हरियाली तीज, जानें व्रत विधि, लाभ और पूजा का शुभ मुहूर्त
By गुलनीत कौर | Published: August 11, 2018 12:44 PM2018-08-11T12:44:28+5:302018-08-11T12:44:28+5:30
Hariyali Teej Significance, Puja Vidhi, Shubh Muhurat:सुहागन महिला इसदिन सुबह जल्दी उठकर, स्नान करके "उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये" मंत्र के जपा के साथ व्रत का संकल्प ले।
हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मांस के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 'हरियाली तीज' का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन सुहागनों को समर्पित होता है। क्योंकि इसदिन सुहागनें अपने पति की लंबी उम्र और निरोगी जीवन के लिए व्रत और पूजन करती हैं। इस साल 13 अगस्त, दिन सोमवार को हरियाली तीज है।
इसदिन सुहागनें सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और 16 श्रृंगार कर हरियाली तीज के व्रत का संकल्प करती हैं। हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त को सुबह 8 बजकर 36 मिनट पर प्रारंभ होगा। यह मुहूर्त अगली सुबह यानी 14 अगस्त को तड़के 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस बीच सुहागनें कभी भी पूजा करके अपने व्रत का पारण कर सकती हैं।
हरियाली तीज पूजन सामग्री:
हरियाली तीज पर यदि आप भी पूजा करने जा रही हैं तो इस पूजन सामग्री का इस्तेमाल करें- बेल पत्र , केले के पत्ते, धतूरा, अंकव पेड़ के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, काले रंग की गीली मिट्टी, जनैव, धागा, श्रीफल, कलश,अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध।
हरियाली तीज श्रृंगार सामग्री:
हरियाली तीज पर भगवान शिव की अर्धांगिनी देवी पार्वती के श्रृंगार का सामान भेंट स्वरूप अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से शिव-पार्वती दोनों की कृपा होती है। इसलिए पूजा के बाद इस सामग्री को भेंट करें- चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग पूड़ा, कुमकुम, कंघी, अन्य मनपसंद श्रृंगार सामग्री।
हरियाली तीज पूजा विधि:
सुहागन महिला इसदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करे और इसके बाद नए या स्वच्छ वस्त्र धारण करे। इसके बाद "उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये" मंत्र का जाप करते हुए व्रत का संकल्प लें। पूरा दिन व्रत के नियमों का पालन करें और मन ही मन भगवान शिव तथा माता पार्वती के नाम का जाप करें।
हरियाली तीज की पूजा शुरू करने से पहले काली मिट्टी के प्रयोग से भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की अपने हाथों से मूर्ती बनाएं। इन तीनों मूर्तियों को पूजा स्थल पर स्थापित करें। इसके बाद पूजा की थाली सजाएं। इस थाली में पूजा की बताई गयी सामग्री को एक-एक करके सजाएं।
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भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की एक-एक करके आरती करें। सबसे पहले भगवान गणेश और फिर शिवजी और माता पार्वती की आरती करें। इसके बाद भगवान शिवजी और गणेश जी को वस्त्र अर्पित करें। माता पार्वती को वस्त्र और श्रृंगार का सारा सामान अर्पित करें। अंत में अपने पति की लंबी उम्र और निरोगी जीवन की पार्थना करते हुए पूजा समाप्त करें।