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कुंभ मेला 2021: कोविड का असर, सिर्फ 28 दिन ही चलेगा, एक अप्रैल से शुरुआत, जानें कब-कब होंगे शाही स्नान

By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 20, 2021 12:54 IST

Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार में एक अप्रैल से कुंभ का आयोजन होगा और कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इसकी अवधि 28 दिनों तक सीमित रखने का निर्णय किया गया है।

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ठळक मुद्देपहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल (बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल (पूर्णिमा) को होगा।बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।कर्मचारियों को टीकाकरण के बाद ही मेले में ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।

Haridwar Kumbh Mela 2021: उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेले 2021 की तिथियों की घोषणा कर दी है। इस बार मेला कोविड महामारी के कारण 28 दिन ही चलेगा। 1 अप्रैल से मेले की शुरुआत हो जाएगी। 

आपको पहले ही रजिस्ट्रेशन करना होगा। सरकार के आधिकारिक dsclservices.org.in/kumbh/ पर करवा सकते हैं। आपको कोविड सहित सभी जानकारी यहां देनी होगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी। उन्होंने कहा कि निर्णय करने से पहले हरिद्वार के संतों को विश्वास में लिया गया।

कुंभ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का श्रद्धालुओं को कड़ाई से पालन करना होगा। एसओपी के मुताबिक, श्रद्धालुओं को तभी कुंभ में शामिल होने की अनुमति होगी अगर वे कोरोना वायरस की निगेटिव रिपोर्ट पेश करेंगे जो उनके पहुंचने के 72 घंटे से पहले जारी नहीं की गई हो।

Haridwar Kumbh Mela 2021: तीन शाही स्नान

रावत ने कहा कि इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी होगी। पहली बार कुंभ इतने कम समय के लिए आयोजित हो रहा है। इससे पहले कुंभ चार महीने से अधिक समय तक चलता था। तीन शाही स्नान एक अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच होंगे। पहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल (बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल (पूर्णिमा) को होगा। पहली बार कुंभ इतने कम समय के लिए आयोजित हो रहा है। इससे पहले कुंभ चार महीने से अधिक समय तक चलता था। 

हरिद्वार कुंभ के दौरान सरकार के सामने मांग नहीं रखेगा अखाड़ा परिषद

उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन के कारण धौलीगंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार में आगामी कुंभ के दौरान सरकार के सामने मुश्किल खड़ी करने वाली कोई भी मांग न रखने का फैसला किया है। परिषद के मुखिया महंत नरेंद्र गिरि ने बताया, ‘‘हरिद्वार में होने वाले कुंभ का पहला शाही स्नान आगामी 11 मार्च को है।

धौली गंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण उत्पन्न आपदा के समय में हम सरकार के साथ हैं।’’ उन्होंने कहा, "हम हरिद्वार कुंभ के दौरान सरकार के सामने कोई भी मांग नहीं रखेंगे जो उसके लिए समस्या खड़ी करे। दुख के इस समय में हम सरकार के साथ हैं।"

विशेष पूजा का आयोजनः महंत ने कहा "हम एक विशेष पूजा का आयोजन भी करेंगे ताकि उत्तराखंड में इतनी बड़ी आपदा फिर कभी ना आए और वर्तमान आपदा में कम से कम जनहानि हो।" इस बीच राम सेवा ट्रस्ट के न्यासी आशुतोष वार्ष्णेय ने कहा " आपदा में फंसे लोगों का जीवन बचाने के उद्देश्य से भगवान से प्रार्थना करने के लिये हवन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है । यह कार्यक्रम प्रयागराज में संगम क्षेत्र में हो रहा है।"

कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को लानी होगी नेगेटिव कोविड रिपोर्ट

 केंद्र ने हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में श्रद्धालुओं को नेगेटिव कोविड रिपोर्ट को साथ लाना अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से अपने साथ 72 घंटे पहले की कोविड-मुक्त होने की जांच रिपोर्ट लानी होगी।

कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्यः कुंभ के दौरान छह फीट की सामाजिक दूरी, चेहरे पर मास्क पहनने, सैनिटाइजेशन सहित सभी प्रकार के कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होगा। इस दौरान कोई प्रदर्शनी, मेला या प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होगा। कुंभ मेले में किसी भी स्थान पर थूकना प्रतिबंधित होगा। दिशा-निर्देशों में 65 वर्ष से अधिक और 10 वर्ष से कम उम्र वालों के अलावा गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कुंभ मेले में आने से हतोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार को पर्याप्त प्रचार करने को कहा गया है।

पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्थाः कुंभ मेले में मेला प्रशासन को पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी और एक हजार बिस्तर वाला अस्थाई अस्पताल बनाना होगा जिसे विस्तारित कर 2000 बिस्तर तक पहुंचाने की गुंजाइश भी होनी चाहिए। इसके अलावा, दून अस्पताल, जौलीग्रांट अस्पताल तथा अन्य निकटवर्ती अस्प्तालों में परीक्षण की सुविधा को भी मजबूत करना होगा।

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