गुरु रामदास जयंती: सिखों के चौथे गुरु, जिन्होंने बसाया था अमृतसर नगर

By गुलनीत कौर | Updated: October 25, 2018 16:31 IST2018-10-25T16:31:30+5:302018-10-25T16:31:30+5:30

Guru Ram Das Jayanti: गुरु रामदास जी ने 'आनंद कारज', सिखों के विवाह में पढ़े जाने वाले फेरों की रचना की थी।

Guru Ram Das Jayanti: fourth sikh guru biography, life story, history and life achievements of Guru Ram Das | गुरु रामदास जयंती: सिखों के चौथे गुरु, जिन्होंने बसाया था अमृतसर नगर

Guru Ram Das

गुरु नानक देव जी ने एकेश्वर्वाद को बढ़ावा देते हुए सिख धर्म की स्थापना की थी। उन्होंने सभी धर्म-जातियों को बराबर समझते हुए लंगर की प्रथा चलाई। जहां अमीर से गरीब सभी एक ही पंगत में बैठकर भोजन कर सकें। उनके बाद जितने भी सिख गुरुओं को गुरुपद प्राप्त हुआ, सभी ने नानक के इन उपदेशों का पालन किया।

सिखों में चौथे थे गुरु राम दास, जिनका जन्म कार्तिक वदी 2 संवत 1561 को हुआ था। सिख कैलेंडर के अनुसार इस साल 26 अक्टूबर, 2018 को गुरु रामदास का प्रकाश उत्सव (जन्मोत्सव) है।

यहां जानें अमृतसर नगरी बसाने वाले गुरु राम दास के जीवन से जुड़ी 15 रोचक बातें:

1. सिख धर्म के चौथे नानक, गुरु राम दास का जन्म कार्तिक वदी 2 संवत 1561 को चूना मंडी नामक जगह (जो आज लाहौर में है) में हुआ
2. उनके पिता का नाम हरिदास मल सोढी और माता का नाम अनूप देवी था
3. राम दास का असली नाम जेठा जी था, उन्हें राम दास नाम गुरुपद प्राप्त होने पर मिला था
4. बचपन में ही माता-पिता की मृत्यु हो जाने के कारण इनका पालन-पोषण नानी ने किया
5. वे नानी के पास रहते थे जब पहली बार सिखों के तीसरे नानक, गुरु अमर दास जी से मिले

ये भी पढ़ें: गुरु हरकिशन, सिखों के सबसे छोटी उम्र के गुरु, इनकी याद में बना है गुरुद्वारा बंगला साहिब

6. उनसे मिलकर वे इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने उन्हीं के पास रहकर उनकी सेवा करने का विचार बना लिया
7. गुरु अमर दास जी की दो बेटियां थीं, उनमें से छोटी पुत्री का विवाह उन्होंने राम दास से कराया
8. जब गुरु अमर दास को यह एहसास हुआ कि अब सिखों को अगले गुरु से परिचित कराना चाहिए तो उन्होंने गुरु राम दास की एक परीक्षा ली, जिसमें राम दास सफल भी हुए
9. बाबा बूढ़ा जी से राम दास को तिलक करवाया और गुरुगद्दी पर बिठाया। तब गुरु अमर दास ने जेठा जी को संगत से परिचित कराते हुए कहा कि ये आपके 'गुरु राम दास' हैं
10. गुरुगद्दी पर विराजमान होने के बाद गुरु राम दास द्वारा सिख संगत की भलाई के लिए अनेकों कार्य किए गए

11. उन्होंने 'चक रामदास पुर' बसाया, जिसे आज अमृतसर शहर के रूप में जाना जाता है
12. इस नगर के बीचोबीच उन्होंने एक बड़े जल सरोवर का निर्माण भी कराया
13. गुरु रामदास जी ने 'आनंद कारज', सिखों के विवाह में पढ़े जाने वाले फेरों की रचना की और संगत से कहा कि अब से आनंद कारज की मर्यक़दा के तहत ही सिख विवाह किए जाएंगे
14. अपने जीवन काल में उन्होंने 30 रागों में 638 शबद लिखे जिनमें 246 पौउड़ी, 136 श्लोक, 31 अष्टपदी और 8 वारां हैं। इन सभी को गुरु ग्रन्थ साहिब जी में शामिल किया गया है
15. गुरु राम दास जी के तीन पुत्र हुए, जिनमें से उन्होंने ज्योति ज्योत समाने से पूर्व सबसे छोटे पुत्र, गुरु अर्जन को सिखों के 5वें गुरु के रूप में गुरुगद्दी पर बिठाया

English summary :
Guru Ram Das history and life journey. Guru Nanak Dev ji established Sikh religion. Guru Nanak Dev ji used to practice Langar by treating all religions as equal. In Langar, people can sit and eat together without distinction of religion, caste, gender, economic status or ethnicity. After all the Sikh Gurus received the gurupada, all followed these teachings of Nanak. Among the 10 Gurus of Sikhs, Guru Ram Das was the fourth Guru and the founder of Amritsar.


Web Title: Guru Ram Das Jayanti: fourth sikh guru biography, life story, history and life achievements of Guru Ram Das

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे