गुरु पूर्णिमा का पर्व इस साल 16 जुलाई को पड़ रहा है। शास्त्रों में गुरु को ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहा गया है। इस लिहाज इस पर्व का हर किसी के लिए काफी बढ़ जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु ही शिक्षा के मार्ग पर ले जाते हैं और इस संसार में बार-बार आने और जाने की कष्टदायक प्रक्रिया से मुक्ति की राह दिखाते हैं। इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व इसलिए अहम हो गया है कि इसी दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि सूतक से पूर्व गुरु पूर्णिमा की पूजा कर ली जाए। जानिए क्या है गुरु पूर्णिमा की पूजाविधि और कितने बजे से पहले कर लें पूजा....
Guru purnima 2019: गुरु पूर्णिमा की पूजाविधि
गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु की पूजा और उनके प्रति सम्मान करने का त्योहार माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन को महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। साथ ही सभी 18 पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। वेदों को विभाजित करने का भी श्रेय व्यास जी को जाता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन ज्यादातर लोग अपने दिवंगत गुरु या ब्रह्मलीन संतों की चिता या उनकी पादुका का पूजन धूप, दीप, पुष्म, अक्षत-चंदन आदि से करते हैं। इस दिन साधक को तड़के उठना चाहिए और स्नान आदि कर पूजा की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
इस दिन भगवान विष्णु, शिव और गुरु बृहस्पति के बाद महर्षि वेदव्यास की पूजा करें। इसके बाद आप अपने गुरु की पूजा भी अवश्य करें। गुरु को पुष्पों की माला पहनाएं और मिठाई आदि का भोग लगाकर आरती करें। पीले या सफेद वस्त्र पहनकर गुरु की पूजा करनी चाहिए।
Guru purnima 2019: कितने बजे से पहले कर ले गुरु पूर्णिमा की पूजा
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। चंद्रग्रहण मंगलवार, 16 जुलाई को मध्यरात्रि उपरांत लग रहा है। चंद्रग्रहण का सूतक 9 घंटे पूर्व लग जाता है। इसके अनुसार 16 जुलाई को सायं 4.31 बजे से सूतक लगेगा। सूतक के बाद मूर्ति पूजा या कोई भी शुभ काम करने की मनाही है। ऐसे में गुरु पूजा आदि दोपहर 4. 31 बजे से पहले करना उचित रहेगा।
यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है। ऐसे में ग्रहों को लेकर कई दिलचस्प संयोग बन रहे हैं। 16 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा है और फिर अगले दिन यानी 17 जुलाई से श्रावन का पावन महिना शुरू हो रहा है। ऐसे में 149 सालों बाद ऐसा मौका बन रहा है जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।