लाइव न्यूज़ :

गणेश चतुर्थी: घर में 'बप्पा' की मूर्ति रखते समय याद रखें ये 7 बातें, वरना होगा नुकसान

By गुलनीत कौर | Updated: September 13, 2018 08:50 IST

Vastu tips For Ganesh Chaturthi 2018 Murti Sthapana: कभी भी एक स्थान पर एकसाथ गणपति की दो मूर्तियां ना रखें।

Open in App

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 13 सितंबर को है। यानी इसी दिन से गणेश चतुर्थी का 10 दिन का महोत्सव आरम्भ हो जाएगा। 11वें दिन यानी 23 सितंबर को धूमधाम से बप्पा की सवारी निकलेगी और उनका विसर्जन किया जाएगा। तो इस साल यदि आप भी बप्पा को घर लेकर आ रहे हैं और गणेश स्थापना करने जा रहे हैं तो आपको कुछ वास्तु टिप्स जान लेने चाहिए। इन्हें नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है।

गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त, शुभ संयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल गणेश चतुर्थी पर स्वाति नक्षत्र बना है। और इस नक्षत्र का बृहस्पतिवार के दिन आना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा चन्द्रमा, जिसका चतुर्थी पर विशेष महत्व होता है, वे तुला की राशि में हैं। तुला राशि में इस समय चन्द्रमा, शुक्र और बृहस्पति का दुर्लभ संयोग बना हुआ है। इन सभी सयोगों को देखते हुए इस बार की गणेश चतुर्थी बेहद मंगलकारी मानी जा रही है। 

12 सितंबर, दिन बुधवार की शाम 4 बजकर 7 मिनट से चतुर्थी तिथि आरम्भ हो जाएगी जो कि अगली दोहपर यानी 13 सितंबर को 2 बजकर 51 मिनट तक चलेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 13 सितंबर को 11 बजे से शुरू होकर दोपर 1 बजकर 31 मिनट तक मान्य है। इस बीच कभी भी गणपति स्थापना की जा सकती है।

जिस तरह धार्मिक कार्यों में गणेश जी का महत्व सबसे अधिक है, इसी तरह से वास्तु शास्त्र में भी गणेश जी को महत्व दिया जाता है। इसलिए उनकी मूर्ति स्थापना से लेकर घर में अगर गणेश जी हमेशा के लिए रखे हैं, तो उससे जुड़े टिप्स को जरूर जान लेना चाहिए। 

1. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में हमेशा गणपति की बाईं ओर सूंड वाली मूर्ति रखें। यह अधिक मंगलकारी मानी जाती है

2. घर में कभी भी 1, 3 या 5 की संख्या में मूर्तियां ना रखें। इस संख्या में यानी विषम संख्या में गणेश मूर्ति रखना अशुभ माना जाता है

ये भी पढ़ें: गणेश चतुर्थी स्पेशल: कब और कैसे हुई 10 दिन के गणेशोत्‍सव की शुरुआत, जानें इतिहास

3. कभी भी एक स्थान पर एकसाथ गणपति की दो मूर्तियां ना रखें। अगर घर में बप्पा की एक से अधिक मूर्तियां हैं तो उन्हें अलग-अलग जगहों पर रखें

4. गणपति की मूर्ति ऐसे स्थान पर स्थापित करें जिससे कि उनके मुख की दिशा घर की ओर होनी चाहिए। इसके पीछे कारण यह है कि घर के अन्दर की ओर गणपति की पीठ नहीं होनी चाहिए। गणेश की पीठ देखना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में दुःख और दरिद्रता आती है

5. वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर गणपति की मूर्ति का रंग फीका पड़ने लगे या वह खण्डित हो जाए तो उसे नदी या बहते जल में बहा दें

6. वास्तु शास्त्र के लिहाज से गणपति मूर्ति स्थापित करने के लिए घर की पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा सबसे अशुभ होती है

7. भूलकर भी दक्षिण या दक्षिण पश्चिम दिशा में गणपति स्थापना ना करें

टॅग्स :गणेश चतुर्थीवास्तु शास्त्र
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेVIRAL: गणेश जी को पानी में मत डालो, डूब जाएंगे, इमोशनल कर देने वाला वीडियो वायरल

भारतगणेश प्रतिमा विसर्जनः 4 डूबे और 13 अन्य लापता, महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के समापन को लेकर उमड़े लोग

भारतVIDEO: हैदराबाद में 69 फीट ऊंचे गणपति बप्पा का विसर्जन, ढोल-नगाड़ों की धुन पर थिरकते भक्त, देखें वीडियो

ज़रा हटकेविदेशी धरती पर गणपति विसर्जन में दिखा ऐसा नजारा, सोशल मीडिया पर लोगों ने की जमकर तारीफ

पूजा पाठGanesh Chaturthi 2025: मुंबई के इन जगहों पर होगा भव्य गणपति विसर्जन, जानिए कैसे देख पाएंगे आप

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय