Falgun Amavasya 2024 Date: कब है फाल्गुन अमावस्या? जानिए पूजा विधि और महत्व
By रुस्तम राणा | Updated: March 8, 2024 14:51 IST2024-03-08T14:51:09+5:302024-03-08T14:51:34+5:30
Falgun Amavasya 2024: फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त दान, तर्पण और श्राद्ध आदि कर्मकांड किए जाते हैं।

Falgun Amavasya 2024 Date: कब है फाल्गुन अमावस्या? जानिए पूजा विधि और महत्व
Falgun Amavasya 2024 Date: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि विशेष महत्व रखती है। शास्त्रों में इसे पितरों को प्रसन्न करने वाली तिथि के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि पितरों के मोक्ष के लिए फाल्गुन अमावस्या विशेष है। इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषीय दृष्टि से इस बार फाल्गुन अमावस्या तिथि खास है।
कब है फाल्गुन अमावस्या ?
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी 10 मार्च को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को पड़ेगी।
फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान करें।
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
पितृ तर्पण हेतु किसी पुरोहित से तर्पण कराएं या फिर खुद से करें।
पितरों की तस्वीर पर सफेद चंदन का तिलक करें ।
उन्हें सफेद पुष्प अर्पित करें।
इसके बाद उस स्थान पर देशी घी का दीपक जलाना चाहिए।
श्रद्धा के अनुसार गरीबों को विशेष चीजों का दान करें
फाल्गुन अमावस्या का महत्व
फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त दान, तर्पण और श्राद्ध आदि कर्मकांड किए जाते हैं। माना जाता है कि इससे पितरों की कृपा होती है। कहते हैं कि जिस परिवार पर अपने पितरों का आशीर्वाद होता है उसे किसी भी प्रकार की परेशानी छू नहीं पाती है। फाल्गुन अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काले ताल, चीनी, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
उपाय
यदि किसी विशेष कार्य में सफलता चाहते हैं या कोई रुका हुआ काम बनाना चाहते हैं तो फाल्गुन अमावस्या को दिन में किसी भी समय भगवान शिव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। इस दूध में काले तिल मिलाकर उन्हें अर्पित करें, मान्यता है कि ऐसा करने से रुके हुए काम बनते हैं।