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Diwali 2020: इस बार 4 दिन की ही होगी दीपावली, 499 साल बाद बन रहा है दुलर्भ संयोग

By गुणातीत ओझा | Updated: November 6, 2020 16:50 IST

इस बार दिवाली पर तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि 499 साल बाद दिवाली पर ऐसा संयोग बन रहा है।

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ठळक मुद्देइस बार दिवाली पर तीन ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। 499 साल बाद दिवाली पर ऐसा संयोग बन रहा है।

Diwali 2020: हर साल दिवाली पांच दिन तक मनाई जाती है। लेकिन इस बार दिवाली चार ही दिन की होगी। अलग-अलग दिन माई जाने वाली छोटी दिवाली यानि रूप चौदस और दिवाली इस साल एक ही दिन मनाई जाएगी। वहीं दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस 13 नवंबर को मनाया जाएगा। 15 नवंबर को राम-राम और 16 नवंबर को भैया दूज मनाया जाएगा। इसे बार की दिवाली बेहद खास होगी। इस दिवाली ग्रहों दुर्लभ दशा देखने को मिल रही है। दिवाली पर गुरु ग्रह अपने स्वराशि धनु और शनि अपने स्वराशि मकर में रहेगा, जबकि शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा। दिवाली के दिन तीन ग्रहों का यह दुलर्भ संयोग 499 साल पहले 1521 में देखने को मिला था।

धनतेरस से शुरू होगी दिवाली

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली का त्योहार पंच महोत्सव होता है, लेकिन इस बार पांच दिन का न होते हुए चार दिन ही यह महोत्सव होगा । 13 नवंबर को धनतेरस से दीप पर्व की शुरुआत होगी। 16 नवंबर को भाई दूज के दिन यह संपन्न होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे, उस दिन दिवाली मनाई जाती है। कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं। अमावस्या की रात्रि में ही माता धरती पर विचरण करती हैं। इसी वजह से यह त्योहार अमावस्या की रात को मनाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

जानें अमावस्या तिथि और लक्ष्मी पूजा

इस बार अमावस्या तिथि 14 नवंबर दोपहर 2:17 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे तक रहेगी। यही वजह है कि माता लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर शनिवार को होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे उस दिन दिवाली होती है।

धनतेरस 2020 तिथि

त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की रात 9:31 से शुरू होकर 13 नवंबर को शाम 6:00 बजे तक रहेगी। 13 नवंबर को ही प्रदोष व्रत भी रहेगा। ऐसे में 13 नवंबर को ही धनतेरस मनाई जाएगी, क्योंकि धनतेरस प्रदोष के दिन ही रहती है।

दिवाली पर शनिवार का मंगलकारी योग

नवरात्रि स्थापना शनिवार को था और दिवाली भी शनिवार को है। यह एक बड़ा ही मंगलकारी योग है कि शनि स्वाग्रही मकर राशि पर है। यह योग व्यापार के लिए लाभकारी एवं जनता के लिए शुभ फलदाई रहेगा। कई वर्षों बाद यह दुर्लभ संयोग बन रहा है। तंत्र पूजा के लिए दीपावली पर्व को विशेष माना जाता है। इस वर्ष 14 नवंबर दिन शनिवार को दिवाली है। सन 1521 के करीब 499 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ योग देखने को मिलेगा।

टॅग्स :दिवालीधनतेरसभाई दूज
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