Dhanteras 2024: धतेरस एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। ऐसा माना जाता है कि मूल्यवान वस्तुएं, विशेषकर सोना, चांदी और तांबा जैसी धातुएं खरीदने से सौभाग्य और समृद्धि आती है। इस दिन नए आभूषण, बर्तन, या घर की सजावट खरीदने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि कीमती धातुएं खरीदना देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद को आमंत्रित करता है, जिससे वर्ष धन और खुशहाली से भरा रहता है। लोग पुरानी वस्तुओं को नई वस्तुओं से भी बदलते हैं, जो नवीकरण और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह परंपरा भगवान धन्वंतरि की कथा में निहित है, जो अमृत का घड़ा लेकर स्वास्थ्य और समृद्धि लेकर प्रकट हुए थे। इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा.
1. सोने या चांदी के आभूषण
धनतेरस पर सोने या चांदी के आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद को आकर्षित करता है, समृद्धि और सौभाग्य सुनिश्चित करता है। सोना और चांदी धन और पवित्रता का प्रतीक हैं।
लक्ष्मी की छवि वाले जटिल डिजाइनों या सिक्कों में निवेश करने से खरीदारी का आध्यात्मिक महत्व बढ़ जाता है। चांदी का सिक्का या सोने का पेंडेंट जैसी छोटी खरीदारी भी फायदेमंद मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह निवेश तेजी से बढ़ेगा, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और सफलता मिलेगी।
2. बर्तन और बरतन
धनतेरस पर बर्तन और बरतन खरीदना एक लोकप्रिय परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यह घर में सकारात्मकता और प्रचुरता लाता है। नए बर्तन पुरानी, स्थिर ऊर्जा को ताज़ा, जीवंत ऊर्जा से बदलने का प्रतीक हैं। स्टेनलेस स्टील, चांदी या तांबे के बर्तनों को प्राथमिकता दी जाती है।
यहां तक कि प्लेट, कटोरी या चम्मच जैसी छोटी वस्तुएं खरीदना भी फायदेमंद माना जाता है। यह खरीदारी पौष्टिक भोजन, खुशी और एकजुटता से भरा वर्ष सुनिश्चित करती है।
3. चांदी या सोने के सिक्के
धनतेरस पर चांदी या सोने के सिक्के खरीदना एक बुद्धिमान निवेश है। इन सिक्कों पर अक्सर देवी लक्ष्मी या अन्य शुभ प्रतीक अंकित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि वे समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक विकास को आकर्षित करते हैं। सिक्के आसानी से संग्रहीत होते हैं और पीढ़ियों तक चले आते हैं। जटिल डिजाइन या शुभ प्रतीकों वाले सिक्के खरीदने से उनका आध्यात्मिक महत्व बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि एक सिक्के की खरीदारी भी तेजी से लाभ पहुंचाती है।
4. तांबे की वस्तुएं
धनतेरस पर तांबे की वस्तुओं का अत्यधिक महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस धातु में आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि तांबे के बर्तन, पानी के बर्तन या सजावटी सामान खरीदना सकारात्मकता और कल्याण लाता है। तांबे का संबंध देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि से है। ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और प्रचुरता को आकर्षित करता है। तांबे की छोटी वस्तुएं जैसे कप या प्लेट भी फायदेमंद होती हैं।
5. गृह साज-सज्जा और साज-सज्जा
धनतेरस पर नए घर की साज-सज्जा और साज-सामान खरीदने से घर की ऊर्जा पुनर्जीवित हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह ताजगी, सकारात्मकता और समृद्धि लाता है। पर्दे, गलीचे या सजावटी सामान जैसी चीज़ें ख़रीदना नवीकरण का प्रतीक है।
लकड़ी या बांस जैसी प्राकृतिक सामग्री से बनी वस्तुओं में निवेश करने से आध्यात्मिक महत्व बढ़ जाता है। यह खरीदारी एक सामंजस्यपूर्ण और शांतिपूर्ण रहने की जगह सुनिश्चित करती है।
6. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
धनतेरस के दिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह सुविधा, आराम और आधुनिकता लाता है। टीवी, रेफ्रिजरेटर या लैपटॉप जैसे उपकरण खरीदना प्रगति और नवीनता का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह खरीदारी जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाएगी और समृद्धि को आकर्षित करेगी। त्योहार के आध्यात्मिक महत्व के अनुरूप अच्छी ऊर्जा दक्षता वाले उपकरणों का चयन करना सुनिश्चित करें।
7. पौधे और पेड़
धनतेरस पर पौधे और पेड़ खरीदना एक पर्यावरण-अनुकूल और आध्यात्मिक रूप से लाभकारी अभ्यास है। ऐसा माना जाता है कि यह सद्भाव, संतुलन और प्रकृति का आशीर्वाद लाता है। तुलसी, तुलसी या मनी प्लांट जैसे शुभ पौधे खरीदना विकास और समृद्धि का प्रतीक है। फलदार पेड़ों या फूल वाले पौधों में निवेश करने से आध्यात्मिक महत्व बढ़ता है। यह खरीदारी प्राकृतिक सौंदर्य, कल्याण और आध्यात्मिक विकास से भरा वर्ष सुनिश्चित करती है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।)