Dhanteras 2021: धनतेरस के दिन भूलकर भी न करें ये 4 गलतियां, वरना हो सकता है नुकसान
By रुस्तम राणा | Updated: November 1, 2021 10:16 IST2021-10-31T13:12:45+5:302021-11-01T10:16:30+5:30
धनतेरस के दिन धन-धान्य की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में बरकत होती है। धनतेरस पर कुछ विशेष उपाय/टोटके करने से घर में पैसा, सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

धनतेरस 2021
धनतेरस 2 नवंबर मंगलवार को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सोने चांदी के आभूषण, पीतल या चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस के दिन धन-धान्य की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में बरकत होती है। धनतेरस पर कुछ विशेष उपाय/टोटके करने से घर में पैसा, सुख-समृद्धि का आगमन होता है। लेकिन धनतेरस पर कुछ विशेष कार्यों को गलती से भी नहीं करना चाहिए, अन्यथा आपको दुष्परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं।
ऋण का लेन-देन न करें
धनतेरस समृद्धि का पर्व है। इस दिन ऋण के लेनदेन से बचना चाहिए। मान्यता है कि धनतेरस पर उधार की लेना या फिर देना शुभ नहीं होता है। ऐसा करने से जीवनभर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आप धनतेरस के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को रुष्ट नहीं करना चाहते हैं तो आज के दिन उधार लेनदेन न करें।
पूजा के दौरान रखें इस बात का ध्यान
धनतेरस के दिन पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस दिन केवल कुबेर देवता की पूजा नहीं करना चाहिए। बल्कि कुबेर देवता के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की उपासना करना चाहिए।
धनतेरस पर भूलकर भी न खरीदें
धनतेरस खरीदारी का त्योहार है। लेकिन इस दिन कुछ विशेष चीजों को नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन स्टील के नहीं खरीदना चाहिए। इसके अलावा धनतेरस के दिन चाकू, कैंची आदि नुकीली वस्तु, कांच के बर्तन, तांबा, चमड़ा या फिर कोई काले रंग की वस्तु भी नहीं नहीं खरीदना चाहिए। माना जाता है कि इस शुभ दिन पर इन चीजों को खरीदने से परिवार में परेशानियां और क्लेश बढ़ता है. पारिवारिक संबन्ध खराब होते हैं।
लोहे की वस्तु नहीं खरीदें
धनतेरस के दिन लोहे की वस्तु को नहीं खरीदना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन लोहा खरीदना अशुभ होता है। इससे जीवन में दरिद्रता बनी रहती है। साथ ही साथ ही लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए और न ही दिन में सोना चाहिए।
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। लोकमत हिन्दी इनकी पुष्टि नहीं करता है।)