Dev Diwali 2020: जानिए देव दीपावली से जुड़ी पौराणिक कथा और पूजा विधि

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: November 28, 2020 08:37 AM2020-11-28T08:37:44+5:302020-11-28T10:06:42+5:30

देव दीपावली दिवाली के 15 दिन बाद मनाई जाती है. दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है और देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है

Dev Diwali 2020 Date and Time in India | Dev Diwali 2020: जानिए देव दीपावली से जुड़ी पौराणिक कथा और पूजा विधि

Dev Diwali 2020: जानिए देव दीपावली से जुड़ी पौराणिक कथा और पूजा विधि

देव दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. मान्यता है की जिस प्रकार  मनुष्य दीए जलाकर दिवाली का पर्व मनाते हैं. ठीक उसी प्रकार देवतागण भी दीप जलाकर दीपावली का पर्व मनाते हैं. देव दीपावली दिवाली के 15 दिन बाद मनाई जाती है. दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है और देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुर नाम के राक्षस का अंत किया था. इसलिए इस दिन देवताओं ने खुशी से घाट पर जा कर दीपक जलाये. इसी वजह से इस दिन को देव दीपावली के रूप से मनाया जाता है. इस बार देव दीपावली 29 नवम्बर 2020 रविवार को मनाई जाएगी. 

देव दीपावली की पूजा विधि
1. इस दिन सुबह-सुबह गंगा स्नान किया जाता है. 
2. भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा की जाती है. 
3. पूजा के बाद सुबह और शाम को मिट्टी के दीपक में घी या तिल का तेल डालकर जलाया जाता है. 
4. जो लोग गंगा स्नान ना कर पाएं को घर पर ही गंगाजल का छिड़काव कर स्नान करें.
5. स्नान करते समय ॐ नमः शिवाय का जप करते जाएं. या फिर  महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
6. कार्तिक पूर्णिमा के दिन विष्णु जी की भी पूजा की जाती है. भगवान विष्णु जी की पूजा करते वक्त श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें या फिर भगवान विष्णु के इस मंत्र को पढ़ें.

देव दीपावली की कथा
हिंदू पौराणिक कथाओं में देव दिवाली की एककई कथाएं प्रचलित हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार, ए​क समय तीनों ही लोक त्रिपुर नाम के राक्षस के अत्याचारों से भयभीत और दुखी था। उससे रक्षा के लिए देवता भगवान शिव की शरण में गए। तब भगवान शिव ने कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुरासुर का वध कर दिया और तीनों लोकों को उसके भय से मुक्त किया.  उस दिन से ही देवता हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव के विजय पर्व के रूप में मनाने लगे.  उस दिन सभी देव दीपक जलाते हैं.  इस खुशी में सभी देव-देवता शिव की नगरी काशी पहुंचे और वहां जाकर शिव जी को दीपदान किया. तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाने लगी.

दूसरी कथा - एक और पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार उत्पन्न हुआ था. इस खुशी में भी इस दिन भगवान विष्णु के लिए दीपदान रखते हैं.
 

Web Title: Dev Diwali 2020 Date and Time in India

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