दारुल उलूम देवबंद का नया फतवा, 'ईद पर गले लगना अच्छा नहीं, इससे बचना चाहिए'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2019 11:49 AM2019-06-05T11:49:11+5:302019-06-05T11:49:11+5:30

मुफ्तियों के अनुसार अगर सामने वाला गले मिलने के लिए आगे बढ़े तो उसे प्यार और विनम्रता के साथ रोक देना चाहिए। यह फतवा अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

Darul Uloom Deoband new fatwa says Greeting each other with a hug not an Eid and islam tradition | दारुल उलूम देवबंद का नया फतवा, 'ईद पर गले लगना अच्छा नहीं, इससे बचना चाहिए'

दारुल उलूम देवबंद का नया फतवा- ईद पर नहीं मिले गले (फोटो- एएफपी)

Highlightsईद के मौके पर दारुल उलूम देवबंद के फतवा से विवाददारुल उलूम देवबंद के अनुसार ईद के मौके पर एक-दूसरे से गले मिलना गलत परंपरा हैमुफ्तियों के अनुसार सामने वाला गले मिलने के लिए आगे बढ़े तो उसे रोक देना चाहिए

इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने अपने एक नये फतवे में कहा है कि ईद के मौके पर एक-दूसरे से गले मिलना गलत परंपरा है और इसे नहीं किया जाना चाहिए। ईद के मौके पर गले मिलना आम परिपाटी रही है। लोग इस मौके पर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और बधाई देते हैं। हालांकि, इस नये फतवे ने अलग विवाद छेड़ दिया है। मुफ्ती-ए-करम के बेंच ने भी इस फतवे का समर्थन किया है।

यह फतवा पाकिस्तान की ओर से आये एक पत्र के बाद आया है, जिसमें पूछा गया था कि क्या ईद के मौके पर गले लगना इस्लाम के मुताबिक है। साथ ही यह भी पूछा गया था कि अगर कोई ईद पर गले लगता है तो क्या सामने वाले को भी ऐसा ही करना चाहिए? इस पर दारुल उलूम ने कहा कि ईद पर गले मिलना कहीं भी इतिहास में दर्ज नहीं है। मुफ्तियों के पैनल ने साथ ही कहा कि अगर किसी से बहुत दिन बाद मिल रहे हैं तो उससे गले मिलने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन इसे ईद की परंपरा के तौर पर नहीं अपनाया जाना चाहिए।

मुफ्तियों के अनुसार अगर सामने वाला गले मिलने के लिए आगे बढ़े तो उसे प्यार और विनम्रता के साथ रोक देना चाहिए। यह फतवा अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। देवबंदी उलेमा मौलाना कारी साहब गोरा ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब के जीवनकाल में किए गए अमल (कार्यों) में कहीं भी ईद पर गले मिलने का जिक्र नहीं है और ऐसे में सभी मुस्लिमों इससे बचना चाहिए।

इससे पहले भी देवबंद के फतवों पर विवाद रहा है। पिछले साल एक फतवे में कहा गया था कि डिजाइनर बुर्का पहनकर महिलाओं का घर के बाहर निकलना जायज नहीं है। वहीं, इसी साल की शुरुआत में कहा गया था कि किसी कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से पुरुष और महिलाओं का साथ खाना गैर-इस्लामिक है।

गौरतलब है कि आज देश भर में पूरे उत्साह और उमंग के साथ ईद उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है। इस मौके पर देश भर में मुस्लिम समाज के लोगों ने विभिन्न ईदगाहों और मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ी।

दिल्ली के जामा मस्जिद में भी सुबह-सुबह बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और अल्लाह की इबादत की। साथ ही महाराष्ट्र के मुंबई समेत मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में भी ईद मनाते लोगों और खासकर बच्चों की तस्वीरें सामने आईं। लोगों ने गले मिलकर एक-दूसरे को 'ईद मुबारक' कहा। 

Web Title: Darul Uloom Deoband new fatwa says Greeting each other with a hug not an Eid and islam tradition

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे