दिल्ली में केदारनाथ का प्रतीकात्मक मंदिर बनने पर हुआ विवाद, क्रोधित शंकराचार्य ने कहा- ऐसा नहीं हो सकता
By रुस्तम राणा | Updated: July 15, 2024 16:36 IST2024-07-15T16:36:58+5:302024-07-15T16:36:58+5:30
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राष्ट्रीय राजधानी में केदारनाथ मंदिर बनाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं हो सकता।

दिल्ली में केदारनाथ का प्रतीकात्मक मंदिर बनने पर हुआ विवाद, क्रोधित शंकराचार्य ने कहा- ऐसा नहीं हो सकता
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक और केदारनाथ मंदिर की आधारशिला रखने को लेकर विवाद छिड़ गया है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राष्ट्रीय राजधानी में केदारनाथ मंदिर बनाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं हो सकता। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "शिवपुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम और स्थान के साथ उल्लेख किया गया है। जब केदारनाथ का पता हिमालय में है, तो वह दिल्ली में कैसे हो सकता है?" राजनीतिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, "राजनीतिक लोग हमारे धार्मिक स्थलों में प्रवेश कर रहे हैं।"
शंकराचार्य ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोना लगाने के काम में घोटाले के आरोपों को भी उठाया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संवाददाताओं से कहा, "केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है, वह मुद्दा क्यों नहीं उठाया जाता? वहां घोटाला करने के बाद अब केदारनाथ दिल्ली में बनेगा? और फिर एक और घोटाला होगा।" केदारनाथ मंदिर के एक वरिष्ठ पुजारी ने पिछले साल केदारनाथ मंदिर में सोने की परत चढ़ाने के काम में 125 करोड़ रुपये तक के घोटाले का आरोप लगाया था।
उन्होंने दावा किया था कि सोने की परत चढ़ाने के लिए पीतल का इस्तेमाल किया गया था। मंदिर समिति ने इस आरोप को नकार दिया था। शंकराचार्य ने कहा, "केदारनाथ से 228 किलोग्राम सोना गायब है... कोई जांच शुरू नहीं हुई है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब वे कह रहे हैं कि वे दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता।"
#WATCH | Mumbai: On Kedarnath Temple to be built in Delhi, Shankaracharya of Jyotirmath, Swami Avimukteshwaranand alleges, "There cannot be a symbolic Kedarnath... 12 Jyotirlingas have been mentioned in the Shiv Puran with name and location... When the address for Kedarnath is in… pic.twitter.com/ZnvCNtztrO
— ANI (@ANI) July 15, 2024
गौरतलब है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बुराड़ी के पास हिरनकी मोहल्ले में भूमि पूजन (प्रतिष्ठा समारोह) में भाग लिया और नए केदारनाथ मंदिर की आधारशिला रखी। रविवार को रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। वे केदार सभा के बैनर तले एकत्र हुए और विभिन्न अन्य संगठनों के साथ मिलकर उत्तराखंड राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए।
केदार सभा के प्रवक्ता पंकज शुक्ला ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, "हम मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि दिल्ली में एक धार्मिक ट्रस्ट द्वारा केदारनाथ मंदिर के निर्माण का विरोध कर रहे हैं, जिसका दावा है कि उसका स्वरूप भी वैसा ही होगा। केदारनाथ मंदिर क्षेत्र से एक पत्थर भी हटाया जाएगा, जिससे रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर की धार्मिक पवित्रता कम होगी।"
केदार सभा के एक अन्य सदस्य प्रदीप शुक्ला ने असहमति जताते हुए आरोप लगाया, "एक ट्रस्ट द्वारा दिल्ली के बुराड़ी में उसी नाम और स्वरूप का उपयोग करके केदारनाथ मंदिर का प्रस्तावित निर्माण उत्तराखंड में मंदिर की धार्मिक पवित्रता को कम करने और भक्तों से पैसा कमाने की साजिश के अलावा और कुछ नहीं है। यदि यही सिलसिला जारी रहा तो जल्द ही बाबा अमरनाथ का मंदिर (कश्मीर में) भी आपदा और सुरक्षा के नाम पर दिल्ली में आ जाएगा, जो सनातन धर्म के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन होगा।