छठ पूजा विशेष: छठी मैया की नाराजगी से बचना है तो करें इन 10 नियमों का पालन

By गुलनीत कौर | Published: November 12, 2018 09:54 AM2018-11-12T09:54:12+5:302018-11-12T09:54:12+5:30

Chhath Puja Special: Do's and don'ts during chhath Puja fast: व्रत के तीन दिनों तक कोशिश करें कि रात में जमीन पर सोएं। बिस्तर का इस्तेमाल ना करें

Chhath Puja Special: Do's and dont's during chhath puja fast | छठ पूजा विशेष: छठी मैया की नाराजगी से बचना है तो करें इन 10 नियमों का पालन

छठ पूजा विशेष: छठी मैया की नाराजगी से बचना है तो करें इन 10 नियमों का पालन

छठ मैया और सूर्य देव की उपासना का पर्व रविवार 11 नवंबर को नहाय खाय से प्रारंभ हो चुका है। 13 नवंबर की शाम को सुर देवता को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। छठ का यह महान पर्व उत्तर भारत में बिहार और इसके बाद कई छोटे-बड़े क्षेत्रों में भी मनाया जाता है। छठ पर्व में लगातार 2 दिन का निर्जला उपवास किया जाता है। इस उपवास के कई सारे नियम है जिनका पालन करना अति आवश्यक माना जाता है। 

छठ पर्व एक ऐसा पर्व है जिसमें व्रत और पूजा, दोनों को बेहद महत्व दिया जाता है। सूर्य की उपासना के साथ छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए हर बात का ख्याल रखा जाता है। इस दौरान जो लोग व्रत करते हैं उन्हें तो व्रत संबंधी कठिन नियमों का पालन करना ही होता है, साथ ही घर-परिवार के अन्य सदस्यों को भी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

आइए जानते हैं छठ पर्व और इसकी पूजा से जुड़े कुछ विशेष नियम, ताकि इनका पालन कर श्रद्धालु छठी मैया की नाराजगी से बच सकें:

- छठ पर्व में नहाय खाय के बाद से घर में मांस, मदिरा का सेवन और ऐसी चेजेओं को घर में लाना भी अपशकुन माना जाता है
- घर का कोई भी सदस्य शराब या नशीले पदार्थों जैसे कि सिगरेट, बीढ़ी आदि का सेवन ना करे अन्यथा छठ की पूजा का फल कभी नहीं मिलेगा
- इस दौरान घर में केवल सात्विक भोजन ही बनाएं। लहसुन-प्याज का भी परहेज करें
- घर में जिस जगह पूजा का प्रसाद बने उस जगह स्वयं भोजन करने ना बैठें
- छठ पर्व के तीन दिनों तक पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें
- किसी के बारे में गलत सोच ना रखें, किसी पर भी करोड़ करने से बचें
- किसी की निंदा करने से बचें, गलत विचारों पर संयम रखें
- व्रत के तीन दिनों तक कोशिश करें कि रात में जमीन पर सोएं। बिस्तर का इस्तेमाल ना करें
- इन तीन दिनों साफ-सुथरे और संभव हो तो नए वस्त्र धारण करें
- सूर्य को अर्घ्य देते समय लोहे, स्टील या प्लास्टिक के पात्र का इस्तेमाल करना वर्जित है

ये हैं छठ पूजा 2018 की महत्वपूर्ण तिथियां:

पहला दिन - 11 नवंबर
रविवार से प्रथम दिन यानी नहाय खाय
सूर्योदय: 06:44
सूर्यास्त: 18:01

दूसरा दिन - 12 नवंबर
सोमवार को छठ पूजा का दूसरे दिन, जिसे लोकभाषा में 'खारना' के नाम से जाना जाता है। इसदिन सूर्योदय से सूर्यास्त लेकर सूर्यास्त तक अन्न और जल दोनों का त्याग करके उपवास किया जाता है।
सूर्योदय: 06:44
सूर्यास्त: 18:01
इस शाम खीर और रोटी का प्रसाद भी बनाया जाता है। रात में चांद को जल देने की भे प्रर्हा प्रचलित है।
तीसरा दिन

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तीसरा दिन - 13 नवंबर
सवेरे से संध्या तक के निर्जल उपवास के बाद शाम को सूर्य देवता को पहला अर्घ्य दिया जाता है। 
सूर्योदय: 06:45
सूर्यास्त: 18:01

चौथा दिन - 14 नवंबर
छठ पूजा के अंतिम दिन सूर्य देवता को दूसरी बार सुबह सुबह अर्घ्य दिया जाता है। 
सूर्योदय: 06:45
सूर्यास्त: 18:00

English summary :
Chhath Puja Special: Do's and don'ts during chhath Puja fast: The festival of worship of Chhath Maiya and Sun has been started on November 11 from Nhayya Khay. On the evening of November 13, the first deity will be given to Sur Devta.


Web Title: Chhath Puja Special: Do's and dont's during chhath puja fast

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