Chhath Puja 2019: नहीं कर पा रही हैं छठ का कठिन व्रत तो करें ये 9 उपाय, बनी रहेगी छठी मईया की कृपा
By मेघना वर्मा | Updated: October 25, 2019 13:12 IST2019-10-25T13:12:27+5:302019-10-25T13:12:27+5:30
इस साल छठ का ये पर्व 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। जो दो नवंबर तक चलेगा। सूर्य देव और छठी मईया की पूजा को हिन्दू धर्म के कुछ सबसे कठिन व्रतों में भी गिना जाता है।

Chhath Puja 2019: नहीं कर पा रही हैं छठ का कठिन व्रत तो करें ये 9 उपाय, बनी रहेगी छठी मईया की कृपा
दिवाली के बाद छठ पर्व की धूम के लिए लोगों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। छठ की पूजा उत्तर भारत में मनाये जाने वाले कुछ सबसे बड़े पर्वों में से एक है। चार दिनों तक चलने वाली इस पूजा को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। सूर्य देव और छठी मईया की पूजा को हिन्दू धर्म के कुछ सबसे कठिन व्रतों में भी गिना जाता है। जिसकी शुरूआत नहाए-खाए से होती है और खरना विधि और फिर अर्घ्य से समाप्ती होती है।
इस साल छठ का ये पर्व 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। जो दो नवंबर तक चलेगा। वहीं हर साल कई महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो छठ के इस व्रत को नहीं रख पाती क्योंकि ये बेहद कठिन व्रत में गिना जाता है। अगर आप भी इस बार छठ पर व्रत नहीं रख पा रही हैं तो कुछ उपाय करके आप छठी मईया का आशीर्वाद पा सकती हैं।
आइए आपको बताते हैं कि अगर आप छठ का व्रत नहीं कर पा रही हैं तो आप क्या कर सकती हैं
1. छठ का व्रत ना कर पाने वाले अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए चार दिन सूर्य की पूजा करें।
2. रोज सुबह ताम्बे के लोटे से गुड़ जल से अर्ध्य दें। सूर्य को धूप दीपक दिखाएं।
3. सूर्य को फल मिठाई ,नारियल लाल सिंदूर चढ़ाएं।
4. छठ पर्व के दौरान चारों दिन पूरी सफाई और सात्विकता बरतें।
5. किसी छठ व्रतधारी की सेवा और सहायता करें।
6. गुड़ और आटे की विशेष मिठाई 'ठेकुवा' जरूर बनाएं।
7. फिर इसे गरीबों और बच्चों में बांटें।
8. छठ के दोनों ही अर्घ्य जरूर दें और सूर्य देव से कृपा की प्रार्थना करें।
9. छठ का व्रत रखने वाले लोगों के चरण छूकर आशीर्वाद जरूर लें।
ऐसे पड़ा 'छठ' नाम
छठ का मतलब होता है छह। नेपाली और हिंदी दोनों ही भाषाओं में छठ का मतलब छठवां या छह होता है। छठ का ये त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के छठवें दिन मनाया जाता है इसीलिए इस त्योहार को लोग छठ बुलाते हैं।
इस साल छठ का ये पर्व 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। 31 अक्टूबर को नहाय-खाए से इस महा-पर्व की शुरूआत हो जाएगी। वहीं एक नवंबर को खरना विधी के बाद दो नवंबर को पहला संध्या अर्घ्य और तीन नवंबर को ऊषा अर्घ्य और पारण है। चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में लोग सूर्य देव की उपासना करते हैं। सिर्फ छठ पूजा में बहुत सारी रिति-रिवाज को निभाया जाता है।

