Chhath Puja 2019: क्या है छठ व्रत का इतिहास, जानिए पौराणिक कथा

By मेघना वर्मा | Updated: October 30, 2019 10:39 IST2019-10-29T14:28:13+5:302019-10-30T10:39:08+5:30

Chhath Puja Importance, Significance and History in Hindi: छठ को सुहाग की रक्षा के लिए भी महिलाएं रहती हैं। इस व्रत में महिलाएं पूजा के समय नाक से लेकर मांग तक का लंबा सा सिंदूर लगाती हैं।

Chhath Puja 2019: History of chhath puja, chhath puja ki vrat katha in hindi | Chhath Puja 2019: क्या है छठ व्रत का इतिहास, जानिए पौराणिक कथा

Chhath Puja 2019: क्या है छठ व्रत का इतिहास, जानिए पौराणिक कथा

Highlightsछठ का पर्व आस्था का पर्व है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना की जाती है।छठ के इस व्रत में भगवान सूर्य और छठी मईया की पूजा की जाती है।

देश भर में 31 तारीख से छठ पर्व की शुरुआत हो जाएगी। इस समय छठ की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। छठ का व्रत विशेषकर बिहार और उत्तर प्रदेश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाला छठ पर्व सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 

छठ के इस व्रत में भगवान सूर्य और छठी मईया की पूजा की जाती है। छठ को सुहाग की रक्षा के लिए भी महिलाएं रहती हैं। इस व्रत में महिलाएं पूजा के समय नाक से लेकर मांग तक का लंबा सा सिंदूर लगाती हैं। नहाय-खाय से शुरू होने वाले इस व्रत में खरना और सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही ये व्रत खत्म होता है। छठ ही एक ऐसा पर्व है जिसमें ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। 

छठ का पर्व आस्था का पर्व है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना की जाती है। छठ में सबसे पहले नहाया खाय, फिर खरना और इसके बाद तीसरे दिन ढलते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य देव के इस व्रत की काफी मान्यता है। आइए आपको बताते हैं कब से शुरू हुआ छठ व्रत और क्या है इसकी पौराणिक कथा-

छठ पूजा की पौराणिक मान्यता

बताया जाता है कि छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल से ही हुई थी। सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूरज देव की पूजा शुरू की थी। वो कर्ण ही थे जो प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बने। तभी से आज तक छठ की परम्परा जारी है और छठ पर लोग सूर्य की उपासना करते हैं।

इस साल छठ पर्व का शुभ मुहूर्त

छठ पूजा का कैलेंडर

छठ पूजा नहाय-खाए (31 अक्टूबर)

खरना का दिन (1 नवम्बर)

छठ पूजा संध्या अर्घ्य का दिन (2 नवम्बर)

उषा अर्घ्य का दिन (3 नवम्बर)

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-

पूजा का दिन- 2 नवंबर, शनिवार

पूजा के दिन सूर्योदय का शुभ मुहूर्त- 06:33

छठ पूजा के दिन सूर्यास्त का शुभ मुहूर्त- 17:35

षष्ठी तिथि आरंभ- 00:51 (2 नवंबर 2019)

षष्ठी तिथि समाप्त- 01:31 (3 नवंबर 2019)

English summary :
Chhath festival will start from 31st october in Bihar and east uttar pradesh. At this time, preparations for Chhath have also been completed. Chhath fast is celebrated with great pomp, especially in Bihar and Uttar Pradesh. Chhath festival lasting four days is considered to be one of the most difficult fasts.


Web Title: Chhath Puja 2019: History of chhath puja, chhath puja ki vrat katha in hindi

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