Chardham Yatra 2023: बदरीनाथ और केदारनाथ की तीर्थयात्रा के लिए पिछले दो दिन में 60,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं द्वारा पंजीकरण कराया गया है और इसे ध्यान में रखते हुए अप्रैल में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में पिछले सभी रिकार्ड टूटने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को और केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को खुल रहे हैं। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक योगेंद्र गंगवार ने बताया कि दोनों हिमालयी धामों के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण मंगलवार को शुरू हुआ और पहले दो दिनों में अब तक 61,250 लोग पोर्टल पर पंजीकरण करवा चुके हैं।
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि कोविड-19 के कारण दो साल के अंतराल के बाद पिछले साल पूरी तरह से शुरू हुई चारधाम यात्रा में रिकार्ड 47 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए थे और इस साल इस संख्या के और बढ़ने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा के लिए पंजीकरण के शुरुआती रुझानों को अगर संकेत माना जाए तो इस बार भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होगी।’’ श्रद्धालुओं की संख्या पर जोशीमठ भूधंसाव संकट के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर अजय ने कहा कि राज्य सरकार ने सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के संचालन के लिए नगर में सीमा सड़क संगठन की एक टीम नियमित रूप से तैनात करने तथा वहां आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने जैसे सभी एहतियाती कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि वैसे भी पहाड़ों में भूस्खलन और भूधंसाव जैसी समस्याएं सामान्य हैं जिनका समाधान तभी कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक घबराहट पैदा कर रहे हैं। उधर, गंगवार ने कहा कि पहली बार तीर्थयात्रा में क्यूआर कोड प्रणाली लागू की गयी है।
उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के मोबाइल फोन में यह क्यूआर कोड भेजा जाएगा जिसके आधार पर उन्हें मंदिर में जाने के लिए टोकन दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि यात्रा से पहले पंजीकरण करवाना बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा प्रदेश में रहने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भी अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि जरूरत होने पर अव्यवस्था से बचने के लिए मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम दैनिक संख्या भी निर्धारित की जा सकती है। जोशीमठ भूधंसाव के मद्देनजर खासतौर से बदरीनाथ के लिए श्रद्धालुओं की दैनिक संख्या निर्धारित किए जाने को विशेषज्ञ जरूरी मान रहे हैं। जोशीमठ को बदरीनाथ धाम जाने के लिए प्रवेशद्वार माना जाता है।