Chaitra Purnima 2022: चैत्र पूर्णिमा कल, इस दिन भूल से भी न करें ये 4 काम
By रुस्तम राणा | Updated: April 15, 2022 15:22 IST2022-04-15T15:22:27+5:302022-04-15T15:22:27+5:30
चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल, शनिवार को है। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इस वजह से चैत्र पूर्णिमा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

Chaitra Purnima 2022: चैत्र पूर्णिमा कल, इस दिन भूल से भी न करें ये 4 काम
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण बताया जाता है। हर महीने आने वाली पूर्णिमा पर ना सिर्फ लोग व्रत रखते हैं बल्कि पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना भी करते हैं। ऐसे ही चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस बार चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल, शनिवार को है। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इस वजह से चैत्र पूर्णिमा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
इस दिन सत्यनारायण की कथा के साथ हनुमान भजन और पूजन किया जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने वालों के सारे पाप कट जाते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्यों को नहीं करना चाहिए।
चैत्र पूर्णिमा के दिन करें ये काम
चैत्र पूर्णिमा तिथि पवित्र तिथि मानी जाती है। इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इसलिए इस दिन तामसिक, मांसाहार भोजन एवं शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। बल्कि इस दिन संभव हो तो व्रत रखें, अथवा शुद्ध शाकाहारी भोजन करें।
चैत्र पूर्णिमा के दिन तन-मन से स्वयं को पवित्र रखना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। किसी की बुराई न करें और न ही किसी से झगड़ा इत्यादि करें। इस दिन किसी ऐसे कार्य को न करें जिसे समाज में अनैतिक और अवैध माना जाता हो।
इस दिन पूजा-अर्चना करते समय महिलाओं को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि महिलाएं पूजा के दौरान गलती से भी बजरंगबली की मूर्ति को स्पर्श न करें। ऐसे ही हनुमान जी की पूजन में कभी भी चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
हनुमान जी की पूजा कठिन पूजा में से एक मानी जाती है। इस दौरान कुछ विशेष बातों का पालन आवश्यक है। जैसे हनुमान जी की पूजा करते समय काले या सफेद कपड़े धारण नहीं करना चाहिए। शुभ फल पाने के लिए लाल या पीले कपड़े पहनें।
चैत्र पूर्णिमा के दिन करें ये काम
चैत्र पूर्णिमा के दिन दान देने का भी अपना अलग महत्व होता है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। बाद में लोग गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति के साथ ब्राह्मण को दान देता है। माना जाता है कि इस दिन दान करने से उसका फल कई गुना बढ़ जाता है।