चैत्र नवरात्रि घटस्थापना 2019: इस बार एक नहीं, दो शुभ मुहूर्त में होगी नवरात्रि कलश की स्थापना, जानिए समय, शास्त्रीय पूजा विधि

By गुलनीत कौर | Published: April 5, 2019 05:26 PM2019-04-05T17:26:06+5:302019-04-05T17:26:06+5:30

Chaitra Navratri 2019: नवरात्रि का पर्व कलश स्थापना के बिना अधूरा है। इसे शास्त्रीय भाषा में घटस्थापना की पूजा भी कहा जाता है। कलश स्थापना  में नवरात्रि के व्रत एवं पूजन का स्नाकल्प लेते हुए पवित्र कलश के ऊपर शुद्ध नारियल विराजित किया जाता है।

Chaitra Navratri 2019 Ghatasthapana 2019 timing shubh muhurat puja vidhi importance significance | चैत्र नवरात्रि घटस्थापना 2019: इस बार एक नहीं, दो शुभ मुहूर्त में होगी नवरात्रि कलश की स्थापना, जानिए समय, शास्त्रीय पूजा विधि

फोटो- पिक्साबे

आदि शक्ति मां भगवती को को समर्पित चैत्र नवरात्रि का पर्व इस साल 6 अप्रैल, दिन शनिवार से प्रारंभ होकर 14 पैरल, दिन रविवार तक चलेगा। 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे नवमी तिथि की समाप्ति होगी। इसके बाद चैत्र नवरात्रि पर्व का पूर्ण विधि विधान से पारण किया जाएगा। हिन्दू धर्म में नवरात्रि का ये पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है। पूरे नौ दिन मां दुर्गा, महालक्ष्मी, मां सरस्वती के अनु रूपों की पूजा, व्रत किया जाता है। 

नवरात्रि में कुछ लोग अष्टमी को व्रत का पारण करते हैं तो कुछ नवमी तिथि को कन्या पूजा करके व्रत खोलते हैं। बहुत कम हैं जो दशमी तिथि के दिन नवरात्रि का पारण करते हैं। पंचांग के अनुसार इस बार 12 अप्रैल 2019, दिन शुक्रवार को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल दिन शनिवार की सुबह 08:16 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी जो कि 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक विद्यमान रहेगी। तत्पश्चात दशमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना तिथि, महत्व (Chaitra Navratri 2019 Ghatasthapana date, importance)

नवरात्रि का पर्व कलश स्थापना के बिना अधूरा है। इसे शास्त्रीय भाषा में घटस्थापना की पूजा भी कहा जाता है। कलश स्थापना  में नवरात्रि के व्रत एवं पूजन का स्नाकल्प लेते हुए पवित्र कलश के ऊपर शुद्ध नारियल विराजित किया जाता है। कलश के साथ घट पर माता की तस्वीर, चुनरी और अखंड ज्योति स्थापित करने का भी महत्व है। नवरात्रि घटस्थापना की पूजा प्रथम तिथि को ही होती है। इस वर्ष यह तिथि 6 अप्रैल है।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2019 Ghatasthapana shubh muhurat)

ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार कलश स्थापना के लिए इस वर्ष दो शुभ मुहूर्त हैं। तो यदि पहला शुभ मुहूर्त हाथ से निकल जाए तो अगला समय उपयोग में लाया जा सकता है। पंडित जी की गणना के अनुसार नवरात्रि कलश का शुभ मुहूर्त 'लाभ' एवं 'अमृत चौघड़िया' तथा शुभ 'अभिजीत मुहूर्त' में किया जाना अति उत्तम होता है।

इस वर्ष घट स्थापना प्रातःकाल 07:20 बजे से 08:53 बजे तक शुभ चौघड़िया में सर्वोत्तम है। यदि किसी कारण इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित नहीं कर पाए हैं तो अभिजीत मुहूर्त एवं मध्यान्ह 11:30 से 12:18 बजे तक का समय भी इस कार्य के लिए उत्तम होगा। वैसे इस वर्ष घटस्थापना सुबह सूर्योदय से दोपहर 02:58 से पूर्व प्रतिपदा तिथि में किया जा सकता है।

कलश स्थापना की विधि (Ghat Sthapana puja vidhi)

कलश स्थापना के लिये प्रतिपदा के दिन शुभ मुहूर्त से पहले उठाकर स्नान कर लें। एक रात पहले ही पूजा की सारी सामग्री एकत्रित करके सोएं ताकि सुबह समय से पूजा प्रारंभ की जा सके। स्नानादि करने के बाद लकड़ी के एक आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। वस्त्र पर श्रीगणेश जी का स्मरण करते हुए थोड़े चावल रखें। अब मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर जौ बोएं, फिर इस पर जल से भरा मिट्टी, सोने या तांबे का कलश विधिवत स्थापित करें। कलश पर रोली से स्वास्तिक या ऊँ बनाएं। कलश के मुख पर रक्षा सूत्र भी बांधना चाहिये साथ ही कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिए।

उपरोक्त सामग्री कलश में डालने के पश्चात कलश के मुख को ढक्कन से ढक कर इसे चावल से भर देना चाहिए। अब एक नारियल लेकर उस पर चुनरी लपेटें और फिर ऊपर से रक्षासूत्र बांध दें। इसे कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें और अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करें व षोडशोपचार से पूजन के उपरान्त फूल व मिठाइयां चढ़ा कर माता का पूजन ध्यान पूर्वक करें। यदि संभव हो तो घट पर कुलदेवी की प्रतिमा भी स्थापित करें। कलश की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

English summary :
The festival of Chaitra Navratri, dedicated to the goddess of Maa Bhagwati, will start from April 6 this year, Saturdays, and finis at 14 april, Sundays. The eighth day of April 14 will end at 6 o'clock. After this, the complete law of Chaitra Navratri festival will be passed from the legislation. In Hindu religion, this festival of Navaratri is celebrated for nine days.


Web Title: Chaitra Navratri 2019 Ghatasthapana 2019 timing shubh muhurat puja vidhi importance significance

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