गौतम बुद्ध जयंती 2020: इस वृक्ष के नीचे मिला था महात्मा बुद्ध को दिव्य ज्ञान, आज भी भारत के इस राज्य में है स्थित

By मेघना वर्मा | Published: May 5, 2020 10:08 AM2020-05-05T10:08:48+5:302020-05-05T10:08:48+5:30

Buddha Jayanti 2020: भगवान बुद्ध ने भले ही बौद्ध धर्म की स्थापना की हो मगर हिन्दू धर्म में इन्हें भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है।

Buddha Jayanti 2020 kab hai, story of gautam buddha awakening buddha ko gyan prapti kahan hui thi | गौतम बुद्ध जयंती 2020: इस वृक्ष के नीचे मिला था महात्मा बुद्ध को दिव्य ज्ञान, आज भी भारत के इस राज्य में है स्थित

गौतम बुद्ध जयंती 2020: इस वृक्ष के नीचे मिला था महात्मा बुद्ध को दिव्य ज्ञान, आज भी भारत के इस राज्य में है स्थित

Highlightsसिद्धार्थ बचपन से ही करुण दिल वाले थे। गौतम बुद्ध का जीवन हर किसी के लिए प्रेरणादायी है।

बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जयंती इस साल 7 मई को मनाई जाएगी। जीवन जीने के मायने बताने वाले गौतम बुद्ध ने अनुयायी इस दिन को बड़ी धूम से मनाते हैं। अपने प्रवचनों में सुखी जीव और सफल जीवन के कई राज बताए हैं। उनकी दी हुई शिक्षा आज भी लोगों की जीवन का मूल मंत्र माना जाता है। 

भगवान बुद्ध ने भले ही बौद्ध धर्म की स्थापना की हो मगर हिन्दू धर्म में इन्हें भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बु्द्ध के कुछ अनमोल विचार आज भी लोगों को अपनी जिंदगी में अमल करना चाहिए।

महात्मा बुद्ध से ही जुड़ा है पीपल का वृक्ष। जिनके नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। आइए आपको बताते हैं किस तरह गौतम बुद्ध को कैसे प्राप्त हुआ था ज्ञान-

जीवन है प्रेरणादायी

गौतम बुद्ध का जीवन हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध का जान्म 483 ईस्वी पू्र्व महापरिनिर्वाण 563 ईस्वी पूर्व में हुआ था। उनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था। 35 वर्ष की आयु में ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। संसार का मोह त्याग कर तपस्वी बन गए थे और परम ज्ञान की खोज में चले गए थे। 

जब चार दृश्यों पर पड़ी नजर

सिद्धार्थ बचपन से ही करुण दिल वाले थे। किसी का दुख नहीं देख सकते थे। वहीं एक बार कपिलवस्तु की गलियों में उनकी दृष्टि चार दृश्यों पर पड़ी। ये दृश्य थे एक वृद्ध विकलांग व्यक्ति, एक रोगी, एक पार्थिव शरीर और एक साधु। इन दृश्यों को देखकर सिद्धार्थ समझ गए थे कि सब का जन्म होता है और सब बूढें होते हैं, सभी बीमार होते हैं एक दिन सभी की मृत्यु प्राप्त होती है। इन्हें जानकर वह अपना धनवान जीवन, पत्नी और पुत्र को त्यागकर साधु का जीवन अपना लिया। 

ज्ञान की प्राप्ति

सिद्धार्थ ने अपने प्रश्नों के उत्तर ढूंढने शुरू किए। पूरा ध्यान लगाने के बाद भी उन्हें ज्ञान नहीं मिला। इसके बाद कठोर तपस्या छोड़कर एक पीपल के पेड़ के नीचे प्रतिज्ञा करके बैठ गए कि वह सत्य जाने बिना नहीं उठेंगे। बताया जाता है वो सारी रात उसी वृक्ष के नीचे बैठे रहे। यही वह क्षण था जब उन्हें पूर्ण ज्ञान प्राप्त हुआ। 

बिहार के बोधगया में आज भी है बोधि वृक्ष

बताया जाता है कि बिहार के बोधगया में बोधी वृक्ष के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस बोधगया में बोधी वृक्ष को देखने हर साल देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग आते हैं। साल 2012 में महाबोधि वृक्ष की एक टहनी टूटकर गिर गई थीं। टहनी टूटने को अपशकुन माना गया था। तब ये कयास लगाया जा रहा था कि ये पवित्र वृक्ष धीरे-धीरे मृत्यु की अग्रसर होने वाला है मगर ये वृक्ष पूरी तरह स्वस्थ्य है।

English summary :
Lord Buddha founder of Buddhism, but in Hinduism, he is considered an incarnation of Lord Vishnu. Some valuable ideas of Gautam Buddha, the founder of Buddhism, should still be practiced by people in their lives.


Web Title: Buddha Jayanti 2020 kab hai, story of gautam buddha awakening buddha ko gyan prapti kahan hui thi

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