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Bhai Dooj 2019: भाई दूज की लोक कथा, जब बहन ने अपने सात भाइयों को मौत से बचाया, यहां पढ़ें

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: October 29, 2019 08:56 IST

Bhai Dooj Story in Hindi: हिन्दू धर्म में भाई-बहन का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। इसी रिश्ते की डोर को और मजबूत बनाने के लिए हर साल भाई-बहन का पर्व भाई दूज बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है।

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ठळक मुद्देसूर्य भगवान के पुत्र यमराज और पुत्री यमुना को समर्पित भाई दूज पर्व को लेकर एक लोक कथा भी प्रचलित है। माना जाता है कि हर भाई दूज पर हर बहन को यह कथा सुननी चाहिए।

सूर्य भगवान के पुत्र यमराज और पुत्री यमुना को समर्पित भाई दूज पर्व को लेकर एक लोक कथा भी प्रचलित है। एक बुजुर्ग महिला के सात बेटे और एक बेटी थी। उसके छह बेटे शादी के वक्त सांप द्वारा डसे जाने के कारण मर चुके थे और बहुएं विधवा हो गई थीं। बेटों की मौत के दुख से मां रो-रोकर अंधी हो गई थी। एक बार भाई दूज के पर्व पर बुजुर्ग महिला का सांतवां यानी सबसे छोटा और एक मात्र जीवित बेटा अपनी बहन के घर जाने के लिए मचल गया।

वह अपनी बुजुर्ग मां से बोला कि बहन के घर तिलक कराने जाएगा। मां ने उसे भेज दिया। रास्ते में सांप मिला। सांप ने डंसने के लिए जैसे ही फन फैलाया, उसने विनती की कि वन उसे न डसे। लड़के की विनती पर सांप ने कहा कि वह उसका काल बनकर आया है और डसकर ही दम लेगा। इस पर लड़के ने कहा कि वह बहन के घर जा रहा है, जब वापस आएगा तब डस ले।

लड़के के वादे पर सांप को यकीन नहीं हुआ। लड़के ने सांप से कहा कि यकीन नहीं तो वह उसके झोले में घुस के बैठ जाए। सांप झोले में घुस गया। 

उधर, भाई के आने की खबर पाकर बहन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने अपनी पड़ोस में रहने वाली महिला से सलाह मांगी कि भाई को क्या भोजन बनाकर खिलाए। पड़ोस वाली महिला भाई के स्वागत में खुश बहन की खुशी से चिढ़ गई। उसने कहा कि दूध से रसोई लीप दो और घी में चावल पका दो। भोली बहन ने ऐसा ही किया। 

भाई घर पहुंचा तो बहन ने स्वागत किया। भाई ने कहा कि बहुत जोर की भूख लगी है, कुछ खाने को ले आओ। पड़ोसन की बात में आकर बहन गलती कर बैठी थी क्योंकि दूध के लेप के कारण रसोई सूख नहीं रही थी और घी में चावल पक नहीं रहे थे। बहन ने अपनी पड़ोसन की बात भाई का बता दी। इस पर भाई ने बहन को खाना बनाने में मदद की। 

खाना खाकर भाई सो गया तो उसके भांजे यानी बहन के बच्चे आ गए और पूछने लगे कि मामा क्या लाए हैं? भाई ने कहा कि वह कुछ नहीं लाया है लेकिन बच्चों ने सांप वाला झोला ले लिया। बच्चों ने झोला खोला तो उसमें से हीरों का हार निकला। हीरों का हार पाकर बहन बहुत खुश हुई। 

अगले दिन भाई घर वापस लौटने को हुआ तो बहन ने उसे रास्ते में खाने के लिए कुछ लड्डू एक डिब्बे में रख दिए। रास्ते में थकान के कारण भाई एक पेड़ के नीचे सो गया। उधर उसकी बहन के बच्चे बचे हुए लड्डू खाने की जिद पकड़ गए। बहन ने कहा कि लड्डू बनाने के लिए चक्की में बाजरा पीसा था, उसमें कुछ आटा बाकी है, वह खा लो। बच्चों ने जाकर देखा तो चक्की में सांप की हड्डियां मिलीं। 

यह बात जानकर बहन अपने भाई को बचाने के लिए उसकी खोज में भागी ताकि वह लड्डू खा न ले। बहन को भाई मिल गया। बहन ने उससे पूछा- लड्डू खाया तो नहीं? भाई ने कहा- नहीं। इस पर बहन को यकीन नहीं हुआ और वह उसके साथ चल दी। बहन को प्यास लगी तो भाई ने कहा कि जिस दिशा में आसमान में चील उड़ रही है, हो सकता है कि वहां पानी मिल जाए। बहन को वहां पानी मिल गया। पानी पीकर जब वह लौट रही थी तो रास्ते में उसे 6 दफन की गई शिलाएं मिलीं और एक शिला ऐसे ही बाहर रखी थी। 

पूछने पर एक बुजुर्ग महिला ने उसे बताया कि एक महिला के छह बेटे शादी के वक्त सांप द्वारा डसे जाने से मर चुके हैं। छह शिलाएं उन्हीं की हैं और सातवें की मौत के बाद बाहर रखी वह शिला भी जमीन में दफन कर दी जाएगी। सातवें बेटे की मौत भी मंडप में होगी। बुजुर्ग महिला से यह जवाब पाकर बहन के पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि उसे पता चल चुका था कि बात उसी के भाइयों की हो रही है। उसने बुजुर्ग महिला से अपने भाई को बचाने का उपाय पूछा। 

बुजुर्ग महिला के कहे अनुसार बहन ने उपाय किया। उसने अपने बाल खोले और पागलों की तरह अपने भाई को अपशब्द बोलने लगी। बहन का यह व्यवहार भाई को समझ नहीं आया, सब हैरान थे। भाई की शादी का दिन आया। वह सहरा पहनने लगा तो बहन ने कहा- सहरा तो मैं पहनूंगी, तू तो जलेगा और मरेगा। 

बहन का व्यवहार देखकर लोग हैरान थे। उन्होंने उसे सहरा दे दिया। सहरे में कलगी वाली जगह सांप का बच्चा था। बहन ने उसे निकाल फेंक दिया। इसी तरह हर रस्म पर बहन अपने भाई को अपशब्द कहती। बारात चल निकली। दूल्हा भाई जिस दरवाजे से निकलने को था, बहन उसको खरी-खोटी सुनाकर खुद पहले निकलने पर अड़ गई। जैसे वह दरवाजे से निकलने को हुई तो वह गिरने लगा, इस पर बहन ने एक ईंट अपनी चुनरी में रख ली और दरवाजा गिरते-गिरते रुक गया। यह घटना देख सभी बाराती अचंभे के अहसास से भर गए। 

एक जगह बारात विश्राम कर रही थी। दूल्हे को पीपल के पेड़ के नीचे खड़ा किया गया। यहां भी बहन ने भाई से बदसलूकी की और उसे वहां से हटाकर खुद पीपल के नीचे खड़ी हो गई। पेड़ गिरने को हुआ तो उसने एक पत्ता तोड़कर अपनी चुनरी में रख लिया और पेड़ गिरते-गिरते थम गया। लोगों में चर्चा होने लगी कि बहन जादू-टोना जानती है जिससे वह अपने भाई की जान बचा लेती है। 

शादी के फेरों के लिए दुल्हन आई तो बहन ने उसके कान में भाई के साथ होने वाली संभावित अनहोनी के बारे में बता दिया। फेरों के वक्त सांप दूल्हें को डसने आया। दुल्हन से सांप को एक लोटे में भर दिया और ऊपर से तस्तरी से ढंक दिया। सांप के पीछे नागिन आई। उसने दुल्हन से सांप को आजाद करने के लिए कहा। दुल्हन ने शर्त रख दी कि अगर वह उसके पति को छोड़ देगी तो सांप को आजाद कर दिया जाएगा। दुल्हन ने नागिन से कहा कि वह तीन बार बोलकर वचन दे। नागिन ने ऐसा ही किया। नागिन के ने कहा कि अब उसके पति को आजाद किया जाए। इस पर दुल्हन ने कहा कि सांप के डसने से मारे गए उसके छह जेठों को भी जिंदा किया जाए तभी नागिन के पति को छोड़ेगी। नागिन ने उसके जेठों को भी जिंदा कर दिया। 

उधर बुजुर्ग मां रो रही थी। लोगों ने उसे सूचना दी कि उसका बेटा बच गया और बाकी मारे गए बेटे भी जीवित होकर अपने पत्नियों के साथ उसके पास पहुंच रहे हैं। इस पर बुजुर्ग महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और कहा कि अगर यह बात सही है तो उसकी आंखों की रौशनी वापस आ जाए और सीने से दूध की धार बहे। ऐसा ही हुआ। 

पूरे परिवार को एक साथ देखकर बुजुर्ग महिला बहुत खुश हुई। छोटे भाई की सलामती और बड़े भाइयों की वापसी के लिए एक बुजुर्ग महिला द्वारा बताए उपायों को आजमा रही बहन एक भूसे की कोठरी में सो रही थी। 

सब ठीक हो जाने पर जब वह अपने घर को चली तो उसके साथ घर की सारी लक्ष्मी भी जाने लगी। उसकी मां ने कहा कि अगर वह सब ले जाएगी तो बेटे और बहुएं क्या खाएंगी? तब बेटी ने कहा कि जो उसे मां ने दिया वही उसके साथ चले बाकी यहीं रह जाए। ऐसा ही हुआ। इस तरह एक बहन ने न सिर्फ अपने भाई के प्राणों की रक्षा की, बल्कि खोए हुए भाइयों को वापस प्राप्त किया। माना जाता है कि हर भाई दूज पर हर बहन को यह कथा सुननी चाहिए।

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