Basant Panchami: हिंदू शास्त्रों में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बेहद शुभ बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि यह दिन किसी भी नये कार्य की शुरुआत के लिए अच्छा है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा की परंपरा है। कहते हैं कि इसी दिन ब्रह्माजी ने मां सरस्वती की रचना की थी। दिलचस्प बात ये भी है कि इस दिन का एक जुड़ाव त्रेतायुग से भी है। दरअसल, इसी दिन से भगवान श्रीराम की शिक्षा भी शुरू हुई थी।
Basant Panchami: पंचक के दोष भी होंगे खत्म
इस बार बसंत पंचमी पंचक के दौरान है। दरअसल, 26 जनवरी की शाम से ही पंचक लग गया है और ये 31 जनवरी की शाम को खत्म होगा। इसके बावजूद इस काल में कई शुभ योग बन रहे हैं। ये बसंत पंचमी पड़ने के कारण संभव हुआ है। ये सभी शुभ योग मिलकर पंचक के दोष को भी खत्म कर रहे हैं। पंचक 31 जनवरी की शाम 6.10 बजे खत्म होगा।
Basant Panchami: बसंत पंचमी पर शुभ योग
बसंत पंचमी पर 6 राजयोग बन रहे हैं। इस कारण खरीदारी या कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए ये दिन बेहद शुभ हो गया है। ये राजयोग हैं- वरीष्ठ योग, गजकेसरी योग, शश योग, शुभकर्तरी योग, विमल योग और सुमुख योग। ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी से वसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है। दरअसल वसंत, ग्रीष्म और वर्षा को देवताओं की ऋतु कहा गया है। वहीं शरद, हेमंत और शिशिर पितरों की ऋतुएं हैं।
इस बार बसंत पंचमी के गुरुवार के दिन भी होने को बेहद शुभ माना जा रहा है। गुरु को दरअसल ज्ञान और धर्म का कारक माना गया है। बसंत पंचमी के लिए मां सरस्वती पहली बार प्रकट हुई थीं और इसलिए गुरुवार का दिन होने से ज्ञान हासिल करने के लिहाज से ये बेहद शुभ संयोग है।