Basant Panchami: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत आज (29 जनवरी, बुधवार) हो रही है। इस दिन को बसंत पंचमी भी कहा जाता है और मां सरस्वती को इस मौके पर पूजने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने मां सरस्वती की रचना की थी। साथ ही इसी दिन से बसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है। नया काम शुरू करने के लिहाज से भी आज के दिन को बहुत शुभ बताया गया है।
Basant Panchami: सुबह 10.45 से पंचमी तिथि
पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि की शुरुआत सुबह 10.45 बजे से हो रही है और इसका समापन 30 जनवरी को दोपहर 1.19 बजे होगा। वैसे तो वसंत पंचमी पर पूजा का कोई खास शुभ मुहूर्त नहीं होता है लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखा जाना चाहिए कि पूजा पंचमी तिथि में ही की जाए। इस लिहाज से सरस्वती पूजा का सबसे अच्छा मुहूर्त 29 जनवरी को 10.45 से 12.34 बजे तक का है।
Basant Panchami: सरस्वती पूजा 30 जनवरी को भी
देश के कई हिस्सों में सरस्वती पूजा का त्योहार 30 जनवरी को भी मनाया जाएगा। दरअसल हिंदू धर्म में सूर्योदय के साथ तिथि का महत्व माना गया है। इसलिए उदया तिथि को माने तो सरस्वती पूजा 30 जनवरी को किया जाना चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार सूर्योदय के समय जो तिथि हो, उसे ही माना जाना चाहिए। यही नहीं, पितरों की पूजा मध्य काल में होती है। वहीं, देवी-देवताओं की दिन के प्रथम पहर में पूजा होनी चाहिए।
इसलिए तिथि के लिए सूर्योदय का महत्व बढ़ जाता है। शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के समय अगर तिथि कुछ समय के लिए भी लग रहा हो तो उसी तिथि को माना जाता है।
वहीं, देवी सरस्वती की मूर्ति विसर्जन का शुभ समय 31 जनवरी को रहेगा। दरअसल मान्यता ये भी है कि बेटी की विदाई या देवी की मूर्ति का विसर्जन गुरुवार को नहीं करना चाहिए। इसलिए शुक्रवार का दिन विसर्जन के लिए उत्तम होगा। 31 जनवरी (शुक्रवार) की शाम 6 बजकर 10 मिनट के बाद पंचक भी खत्म हो रहा है। इसलिए शाम के बाद विसर्जन का समय शुभ है।