बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 मई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खोल दिए हैं। गढ़वाल के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। बद्रीनाथ को भगवान विष्णु का घर भी कहा जाता है। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बद्रीनाथ के कपाट को खोल दिया गया है। वहीं पहले तीनों धामों की तरह बद्रीनाथ में भी पहली पूजा पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम पर की गई।
बदरीनाथ के कपाट के खुलने के समय मंदिर के मुख्य पुजारी समेत केवल 11 लोग ही मंदिर में मौजूद थे। ऐसा पहली बार हुआ कि मंदिर में बिना श्रद्धालुओं के कपाट खोले गए।
शुक्रवार को शुभ मुहूर्त देखकर बदरीनाथ के कपाट खोले गए हैं। सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर बदरीनाथ भगवान का अभिषेक किया गया। बुधवार को पुजारी जोशीमठ नरसिंह मंदिर में पूजा के बाद आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी तथा गाडू घड़ा को साथ लेकर योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे थे।
20 मई को खुलेंगे तुंगनाथ जी के कपाट
इससे पहले 29 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट खोले गए। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट भी 26 अप्रैल को खुल गए हैं। जबकी दूसरे केदार जी के कपाट 11 मई को खुले। तीसरे केदार यानी तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को खुलेंगे। वहीं चौथे केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को खुलेंगे।
शुरू हुई थी प्रक्रिया
लॉकडाउन और कोरोना के बीच बुधवार से ही बदरीनाथ के कपाट खुलने की तैयारी शुरू हो गई थी। गुरुवार को आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी समेत उद्धव और कुबेर के विग्रहों के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से बदरीनाथ धाम को रवाना हुई। बदरीनाथ पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के जन्मस्थान लीला ढूंगी में रावलों की तरफ से पूजा-अर्चना की गई। वहीं बहुत सारे विशेष कार्यक्रमों को लॉकडाउन के चलते आयोजित नहीं किया गया।