Ashadha Vinayak Chaturthi 2023: आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी होती है बहुत खास, जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

By अंजली चौहान | Published: June 21, 2023 06:11 PM2023-06-21T18:11:40+5:302023-06-21T18:22:14+5:30

हिंदुओं में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को यानी 22 जून, 2023 को पड़ेगी।

Ashadha Vinayak Chaturthi 2023 Vinayaka Chaturthi of Ashadha month is very special know the exact date and auspicious time | Ashadha Vinayak Chaturthi 2023: आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी होती है बहुत खास, जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

फाइल फोटो

Highlightsविनायक चतुर्थी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को यानी 22 जून, 2023 को मनाया जाएगाआषाढ़ माह में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व हैइस दिन हर मनोकमा को पूरा करने के लिए भगवान गणेश की पूजा की जाती है

Ashadha Vinayak Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं का अपना विशेष महत्व है और इनसे जुड़े त्योहारों को हिंदुओं द्वारा जरूर मनाया जाता है।

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह में विनायक चतुर्थी पड़ती है जो बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए समर्पित है। इस दिन भक्त प्रार्थना करते हैं और भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य है ऐसा करने से आपका काम सफल होता है। भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन दौलत की प्राप्ति होती है। 

इस साल आषाढ़ माह को पड़ने वाली विनायक चतर्थी सभी के लिए बेहद खास है ऐसे में विनायक चतुर्थी कब और किस दिन पड़ रही है ये जानना आपके लिए जरूरी है तो चालिए आपको बताते हैं...

विनायक चतुर्थी जून 2023 डेट

हिंदू पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को यानी 22 जून, 2023 को पड़ेगी। इस दिन लोग उपवास रखते हैं। 

आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि शुरू: 21 जून 2023 दोपहर 03:09 बजकर, आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी तिथि समाप्त: 22 जून 2023, शाम- 05:07 

गणेश पूजा का समय: सुबह 10:59- दोपहर: 13:47
चंद्रोदय समय: सुबह 08:46 (विनायक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित है।) 

आषाढ़ विनायक चतुर्थी का महत्व 

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश को सभी बाधाओं को दूर करने के लिए जाना जाता है क्योंकि वह प्रथम पूज्य हैं, जिन्हें अन्य देवताओं में सबसे पहले पूजा जाता है। पहले उनकी पूजा किए बिना शुभ कार्य और अनुष्ठान अधूरे माने जाते हैं।

वह भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। वह अच्छी बुद्धि वाला होता है और जो उसकी पूजा करता है, उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है जैसे मंगल मूर्ति, गौरी नंदन, गणपति, विनायक और अन्य।

जिन दंपतियों को कोई संतान नहीं है या जो पुत्र की कामना कर रहे हैं, उन्हें भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वह उन भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं जो उनकी भक्ति और समर्पण के साथ पूजा करते हैं।

विनायतक चतुर्थी के दिन क्या करें क्या न?

- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें और अनुष्ठान शुरू करें। 

- भगवान गणेश की एक मूर्ति को एक लकड़ी के तख्ते पर रखें और मूर्ति को आगे बढ़ाने से पहले पीला कपड़ा बिछाएं, एक दीया जलाएं, फल (केला) और मिठाई (लड्डू) चढ़ाएं, प्रार्थना करें और भगवान से आशीर्वाद मांगें।

- शाम के समय गणेश भगवान की आरती और पूजा करनी चाहिए और फिर सात्विक भोजन से व्रत तोड़ा जाना चाहिए।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। इस लेख में दिए गए सुझाव की लोकमत हिंदी पुष्टि नहीं करता। किसी भी तरह की सलाह मानने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

Web Title: Ashadha Vinayak Chaturthi 2023 Vinayaka Chaturthi of Ashadha month is very special know the exact date and auspicious time

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