Annkoot 2019: अन्नकूट पूजा में श्रीकृष्ण को चढ़ाएं बस ये एक फल, मन की सारी मुराद हो जाएगी पूरी
By मेघना वर्मा | Published: October 27, 2019 12:05 PM2019-10-27T12:05:24+5:302019-10-27T12:05:24+5:30
अन्नकूट त्योहार ब्रज के कुछ मुख्य त्योहारों में से एक है। इस साल अन्नकूट का ये त्योहार 28 अन्नकूट के दिन गाय के गोबर से बने गोवर्धन की पूजा की जाती है।
कार्तिक का महीना लगते ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। देश भर में आज दिवाली का शुभ त्योहार मनाया जा रहा है। वहीं दिवाली के बाद आने वाले अन्नकूट की भी तैयारियां जोरो पर हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाने वाली अन्नकूट पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।
अन्नकूट त्योहार ब्रज के कुछ मुख्य त्योहारों में से एक है। इस साल अन्नकूट का ये त्योहार 28 अन्नकूट के दिन गाय के गोबर से बने गोवर्धन की पूजा की जाती है। सिर्फ यही नहीं इसी दिन श्रीकृष्ण के सामने गाय और ग्वाल की विधिपूर्वक पूजा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति दीर्घायु होता है और निरोगी जीवन का आशीर्वाद पता है।
गोवर्धन पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और घर से सारी दरिद्रता दूर हो जाती है। इस दिन श्रीकृष्ण की खास तरीके से पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण को इस दिन खास भोग लगाया जाता है। सारे भोगों के साथ एक विशेष फल श्रीकृष्ण को जरूर चढ़ाया जाता है जिसे बेहद शुभ माना जाता है।
अन्नकूट पर भोग की सामग्री
दिवाली के अगले दिन पड़ने वाले भगवान श्रीकृष्ण के अन्नकूट पर उन्हें नैवेद्य में रोज के बनने वाले खाद्य पदार्थों के अलावा अपने सामर्थ्य के अनुसार दाल, भात, कढ़ी, साग, हलवा, पूरी, खीर, लड्डू, पेड़े, बर्फी, जलेबी, केले, नारंगी, सीताफल, बैंगन, मूली, साग, पात, रायते, भुजिये, सलूने और चटनी, मुरब्बे, अचार, खट्टे-मीठे चरपरे अनेक प्रकार के पदार्थ बनाकर अर्पण करें। इसके अलावा उन्हें अनार का भोग जरूर लगाना चाहिए इसे भी बेहद शुभ माना जाता है।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा पर्व तिथि - सोमवार, 28 अक्टूबर 2019
गोवर्धन पूजा सायं काल मुहूर्त - दोपहर बाद 15:24 बजे से सायं 17:36 बजे तक
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 09:08 बजे (28 अक्टूबर 2019) से
प्रतिपदा तिथि समाप्त -06:13 बजे (29 अक्टूबर 2019) तक
गोवर्धन पूजा में करें गाय की सेवा
गोवर्धन पूजा के दिन गायों की सेवा करने से लाभ होता है। इस दिन गाय को स्नान कराकर उन्हें सजाकर उनकी पूजा करना चाहिए। अपने हाथ का बना भोग गाय को जरूर खिलाएं। इससे आपको पूजा का पूरा फल मिलता है।