श्रावण पूर्णिमा पर हेलिकाप्टर से छड़ी मुबारक को अमरनाथ गुफा ले जाने की तैयारी, करीब दो दर्जन लोग जाएंगे
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 10, 2021 03:06 PM2021-08-10T15:06:28+5:302021-08-10T15:08:28+5:30
प्रशासन की ओर से पवित्र छड़ी मुबारक को ले जाने की हो रही तैयारियों में हेलिकाप्टरों से करीब दो दर्जन लोगों को ही अमरनाथ गुफा तक ले जाने का प्रबंध किया जा रहा है।
जम्मू: कोरोना के कारण दूसरी बार अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई थी लेकिन यात्रा की प्रतीक पवित्र छड़ी मुबारक को अमरनाथ गुफा में 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन जरूर स्थापित किया जाएगा ताकि यात्रा को सांकेतिक तौर पर संपन्न करवाया जा सके।
इसकी पुष्टि अमरनाथ यात्रा के महंत दीपेंद्र गिरि ने भी की है जिनका कहना था कि पवित्र छड़ी मुबारक 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन श्री अमरनाथ गुफा में पहुंचेगी और वहां सभी धार्मिक अनुष्ठान वैदिक मंत्रों और पूजा अर्चना से संपन्न किए जाएंगे।
इसके बाद भगवान आशुतोष (भगवान शिव के कई नामों में से एक) से कोरोना संकट से निजात दिलाने की प्रार्थना भी करेंगे। महंत दीपेंद्र गिरि ने एक संदेश में यात्रा की प्राचीन परंपरा और इतिहास से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा करीब 150 साल पुरानी है।
प्रशासन की ओर से की जा रही तैयारियों में हेलिकाप्टरों से करीब दो दर्जन लोगों को ही गुफा तक ले जाने का प्रबंध किया जा रहा है। जानकारी के लिए गुफा में यात्रा का प्रतीक पवित्र हिमलिंग पिघल कर करीब चार फुट का रह चुका है। इस बार यात्रा के लिए तैयारियां तो की गई थीं परंतु कोरोना के बढ़ जाने के कारण यात्रा को स्थगित कर देना पड़ा है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने 21 जून को वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू करने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए इस साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया था। हालांकि कई दिनों तक इस पर चर्चा चली थी। जिसमें भक्तों के लिए नियमों को बनाया गया था। सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई थी। कैंपों को लगाया गया था। आधार शिविर को तैयार किया गया था।
भक्तों के लिए सभी इंतजाम किए गए थे क्योंकि अंतिम समय तक यही बात कही जा रही थी कि प्रतिदिन पांच सौ भक्तों को जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए कठुआ में कैंप बनाया गया। तमाम इंतजाम किए गए थे लेकिन बोर्ड की तरफ से कई दिनों तक कोई फैसला नहीं लिया गया।
बाद में 21 जून को एकदम से बोर्ड की तरफ से यात्रा को ना चलाने का फैसला लिया गया था। प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि सिर्फ पवित्र छड़ी मुबारक को जाने की अनुमति है और ये पूरे रीति रिवाज से हर साल की तरह पूजा अर्चना होगी और उसके बाद इस साल की यात्रा को समाप्त कर दिया जाएगा।