Amarnath Yatra 2023: एक जुलाई अमरनाथ यात्रा शुरू, बालटाल और पहलगाम से आरंभ होगी और जम्मू से पहला जत्था 30 जून को रवाना होगा, अमित शाह ने दिल्ली में की बैठक, सुरक्षा पर नजर
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 9, 2023 05:46 PM2023-06-09T17:46:22+5:302023-06-09T17:48:01+5:30
Amarnath Yatra 2023: अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

जम्मू से पहला जत्था 30 जून को रवाना होगा। (file photo)
Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा पर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है के बयानों के बाद पैदा हुए तनावपूर्ण माहौल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इस मुद्दे पर बुलाई गई हाई लेवल बैठक के साथ ही अमरनाथ यात्रा की उल्टी गिनती आरंभ हो गई है। एक जुलाई को यह यात्रा बालटाल और पहलगाम से आरंभ होगी जबकि जम्मू से पहला जत्था 30 जून को रवाना होगा।
14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में स्वयंभू बनने वाले हिमलिंग के पहले सरकारी दर्शन एक जुलाई को ही होंगे। यात्रा की सकुशलता की खातिर कोई चूक न होने के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों से माहौल तनावपूर्ण भी है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) उपेंद्र द्विवेदी, सीआरपीएफ महानिदेशक एसएल थाउसेन सहित अन्य अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
कश्मीर रेंज के पुलिस महरानिरीक्षक विजय कुमार के बकौल, साउथ कश्मीर में एक्टिव अधिकतर आतंकियों को मार गिराया जा चुका है। आप्रेशन क्लीन के तहत अमरनाथ यात्रा मार्ग को आतंकियों से मुक्त करवा लिया गया है पर हाइब्रिड आतंकियों के प्रति सभी पक्ष खामोश हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो जिस तरह का खतरा स्टिकी बमों का है उसी प्रकार का हाइब्रिड आतंकियों का।
इसे माना जा रहा है कि स्टिकी बमों से निपटने का फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं आया है। सिवाय वाहन चालकों को यह निर्देश देने के कि वे अपने वाहनों का ख्याल रखें और उन्हें स्टार्ट करने से पहले पूरी जांच कर लें। इन दो खतरों के बीच सुरक्षाधिकारियों को वे सूचनाएं भी विचलित कर रही हैं जिनमें कहा जा रहा है कि आतंकी ड्रोन की सहायता से अमरनाथ यात्रियों और यात्रा मार्ग पर तैनात सुरक्षाबलों पर हमले बोल सकते हैं।
यही कारण था कि रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमरों के साथ ही दर्जनों के हिसाब से ड्रोनों को आतंकी हमलावर ड्रोनों के मुकाबले के लिए तैयार कर दिया गया है जो यात्रा की शुरूआत के साथ ही आसमान में उड़ान भरना आरंभ कर देंगें। और जमीन के नीचे आईईडी की तलाश की खातिर पांच दर्जन श्वान दस्ते भी अपने अहम भूमिका निभाएंगे।
जबकि इसे माना जा रहा है वर्ष 2018 की यात्रा में जितने सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे उससे पांच गुणा अधिक इस बार तैनात किए जा रहे हैं क्योंकि जी-20 की बैठक के बाद अमरनाथ यात्रा को अदृश्य खतरा भी कई गुणा बढ़ा है।