इलाहाबाद संगम पर आस्था का उमड़ा सैलाब, करीब 30 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 3, 2018 10:31 AM2018-01-03T10:31:54+5:302018-01-03T10:42:02+5:30
इस महीने और भी हैं स्नान के कई मौके, देखी जा सकती है श्रद्धालुओं की भारी भीड़।
पौष पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को इलाहाबाद के संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। माघ मेले के पहले स्नान पर्व सुबह चार बजे से ही स्नान शुरू हो गया। स्नान के एक दिन पहले से ही देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ने लगा था। कड़ाके की ठंड के बावजूद करीब 30 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
शुरू हुआ कल्पवास
पौष पूर्णिमा के पहले दिन यानी मंगलवार से गृहस्थों और संतों का कल्पवास भी शुरू हो गया। यह कल्पवास एक महीने तक चलेगा। कल्पवास के दौरान संत और गृहस्थों के शिविर व पंडाल लगाकर एक महीने गंगा तट पर रहते हैं। एक तरफ जहां आश्रमों में संतों के ध्वज पूजन के साथ कल्पवास की शुरुआत हुई तो दूसरी तरफ गृहस्थों ने वेदी की स्थापना कर कल्पवास शुरू किया। इस बार मेले में करीब ढाई लाख कल्पवासी पहुंचे हैं।
तुलसी का बिरवा और जौ बो कर लिया संकल्प
कल्पवास के दौरान कल्पवासी पूरे एक महीने संगट तट पर शिविरों में निवास करते हैं। पौष पूर्णिमा के पहले दिन दूर-दूर से आएं लाखों कल्पवासियों ने तुलसी का बिरवा और जौ बो कर एक महीने तप का संकल्प लिया। जी हां, सुख और शांति के लिए कल्पावासी शिविर के चारों ओर तुलसी का बिरवा बोते हैं और जौ लगाते हैं। कल्पवास करने आएं कल्पवासी एक दिन में एक बार भोजन और एक बार फलाहार लेंगे। सुबह और शाम गंगा स्नान, तीन वक्त संध्या और सिर्फ हरिभजन करते हैं। यह प्रक्रिया पूरे महीने भर चलती है।
15 घाटों पर लगाई डुबकी
स्नानार्थियों के लिए प्रशासन द्वारा 15 घाट बनाए गए हैं। पहले दिन इन 15 घाटों पर स्नानार्थियों का जन सैलाब देखने को मिला। लोगों ने गंगा में स्नान कर सूर्य देवता को अर्ध्द दिया। हालांकि पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं हुए। बावजूद स्नान का सिलसिला कई घंटों तक चलता रहा।
2018 में माघ के मुख्य स्नान दिनांक
2 जनवरी - पौष पूर्णिमा
14 जनवरी - मकर संक्रांति
16 जनवरी - मौनी आमावस्या
22 जनवरी - बसंत पंचमी
31 जनवरी - माघी पूर्णिमा
13 फरवरी - महा शिवरात्रि