Akshaya Tritiya 2019: वर्षों बाद बने शुभ संयोग में इस विधि से करें पूजा, जानें पूजा का शुभ समय, व्रत के नियम
By गुलनीत कौर | Published: May 6, 2019 07:20 AM2019-05-06T07:20:17+5:302019-05-06T07:20:17+5:30
शास्त्रीय मान्यतानुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। पूजा में पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
हिन्दू धर्म में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। इस तिथि पर विशेष नक्षत्रों के संयोग के कारण इसे अक्षय पुण्य दिलाने वाली तिथि माना जाता है। शास्त्रों में यह दिन 'अक्षय तृतीया' के नाम से जाना जाता है। इसके महत्व को देखते हुए यह दिन एक तिथि मात्र ना होकर पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष अक्षय तृतीया का पर्व 7 मई 2019, दिन मंगलवार को है।
कब है अक्षय तृतीया, जानें महत्व Akshaya Tritiya Date, significance, importance)
हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण तिथि के रूप में मनाए जाने वाले अक्षय तृतीया पर्व पर बेहद शु शुभ नक्षत्रों का संयोग बनता है। प्रति वर्ष इन नक्षत्रों से लाभ पाने हेतु लोग सोना एवं अन्य मूल्यवान वस्तुएं की खरीदारी करते हैं। शास्त्रों में यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने से जुड़ा है। इसके अलावा पौराणिक मान्यतानुसार इसीदिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी होता है।
अक्षय तृतीया पूजा शुभ मुहूर्त Akshaya Tritiya puja shubh muhurat)
देशभर में इस वर्ष अक्षय तृतीया का पर्व 7 मई को मनाया जा रहा है। 7 मई की सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर वैशाख मास की तृतीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन यानी 8 मई की सुबह 2 बजकर 17 मिनट तक चलेगी। इस बीच सुबह सूर्य उदय के बाद 5 बजकर 40 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 17 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस बीच कभी भी अक्षय तृतीया की पूजा की जा सकती है।
अक्षय तृतीया शुभ संयोग Akshaya Tritiya auspicious nakshatra)
हिन्दू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया पर इस बार चार बड़े ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषीयों के मुताबिक ऐसा योग बेहद दुर्लभ होता है। आख़िरी बार यह संयोग वर्ष 2003 में बना था। पंचांग के मुताबिक इस वर्ष अक्षय तृतीया पर चार बड़े ग्रह सूर्य, शुक्र, चन्द्र और राहू अपने से उच्च राशि में होंगे। इसे बेहद शुभ माना जा रहा है।
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अक्षय तृतीया पूजा विधि (Akshaya Tritiya puja vidhi)
शास्त्रीय मान्यतानुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। इसदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने पीले वस्त्र धारण किए जाते हैं। इसके बाद पूजा की तैयारी शुरू की जाती है। पूजा में सबसे पहले भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक किया जाता है।
स्नान के बाद उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित की जाती है। विष्णु और लक्ष्मी के सामने बैठकर वैदिक मंत्रों का जपा करते हुए पूजा की जाती है। यदि व्रत कर रहे हों तो पूजा के अंत में व्रत का संकल्प भी लिया जाता है। पूजा समाप्ति के ठीक बाद या फिर शाम के समय गरीबों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना जाता है।