Ahoi Ashtmi 2019: अहोई माता की पूजा में ना करें ये 7 बड़ी गलतियां, उल्टा पड़ सकता है व्रत का असर
By मेघना वर्मा | Published: October 13, 2019 01:56 PM2019-10-13T13:56:59+5:302019-10-13T13:56:59+5:30
अहोई माता के इस व्रत को करने का अपना एक अलग नियम होता है। जिसमें देर रात तारों को अर्घ्य देकर इस उपवास को तोड़ा जाता है।
कार्तिक महीने के शुरू होते ही हिन्दू धर्म के बहुत से त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। करवाचौथ, शरद पूर्णिमा, दशहरा, दिवाली के साथ अहोई अष्टमी का त्योहार की काफी महत्ता होती है। कार्तिक महीने की कृष्ण अष्टमी के दिन पड़ने वाली इस अष्टमी पर महिलाएं अपने संतानों के लिए रखती हैं। इस दिन ना सिर्फ महिलाएं दिन भर उपवास रखती हैं बल्कि विधि-विधान से अहोई माता की पूजा अर्चना करती हैं।
अहोई माता के इस व्रत को करने का अपना एक अलग नियम होता है। जिसमें देर रात तारों को अर्घ्य देकर इस उपवास को तोड़ा जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र और परिवार के परम्परा के अनुसार करती हैं। मगर कुछ अहोई माता के व्रत में कुछ गलतियां भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आप भी पढ़े ये गलतियां।
1.अहोई अष्टमी के व्रत के बाद आप जब भी पूजा करने बैठें तो सबसे पहले गणेश की पूजा जरूर करें। हिन्दू मान्यताओं में गौरी पुत्र गणेश को प्रथम पूजनीय बताया गया है।
2. कोशिश करें कि अहोई अष्टमी का व्रत निरजला रहें। इससे आपको और आपके संतान पर अहोई माता की कृपा बनी रहेगी।
3.अहोई अष्टमी के दिन अपने सास - ससुर के लिए बायना जरूर निकालें। आप ये बयाना किसी बुजुर्ग को भी दे सकते हैं
4. अहोई अष्टमी के दिन पूजा में जो आप जो करवा उपयोग करें वो नया नहीं होना चाहिए। आपको इस दिन करवा चौथ वाले करवा का ही उपयोग करना चाहिए।
5. अहोई अष्टमी के दिन व्रत कथा सुनते समय सात प्रकार का अनाज अपने हाथों में रखें। जब पूजा कर चुके हों तो इसके बाद इस अनाज को किसी गाय को खिला दें।
6. अहोई अष्टमी के दिन पूजा करते समय अपने बच्चों को अपने पास बैठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वह प्रसाद अपने बच्चों को खिलाएं।
7. अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी को बिल्कुल भी हाथ न लगाएं और न ही इस दिन खुरपी से कोई पौधा भी उखाड़े।