कॉन्डम का नाम आज भी हमारी सोसाइटी में खुलकर नहीं लिया जाता है। कितने लोगों को यह भी नहीं मालूम कि कॉन्डम एक से अधिक प्रकार की आती हैं। सिर्फ टाइप ही नहीं, यह रंग, फ्लेवर में साइज़ में भी अलग आती है। सिर्फ मर्दों की ही नहीं, महिलाओं की कॉन्डम भी आती है। जी हां, आज से दो दशक पहले ही वुमन कॉन्डम मार्किट में आ गई थी लेकिन आज भी बहुत लोग इसके बारे में जानते तक नहीं हैं। आइए जानते हैं फीमेल कॉन्डम के बारे में कुछ दिलचस्प बातें:
1- पहला फीमेल कॉन्डम ठीक दो दशक पहले 1980 में आया था। लेकिन इतना टाइम होने के बावजूद भी कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है और जिन्हें है वह इसके इस्तेमाल से डरते हैं
2) फीमेल कॉन्डम को सबसे पहले पॉलीयूरीथेन से बनाया गया। इसके बाद काफी समय तक फीमेल कॉन्डम सिंथेटिक निटराइल पदार्थ से बना। अब फीमेल कॉन्डम मेल कॉन्डम बनाने वाले 'लाटेक्स' पदार्थ से ही बनता है
3) मेल कॉन्डम की तरह ही फीमेल कॉन्डम भी अलग अलग साइज़ में आता है। यह 76एमएम से शुरू होकर 185 एमएम तक आता है ताकि हरा तरह का पीनस साइज़ इसमें फिट हो जाए
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4) एक्सपर्ट्स की मानें तो मेल कॉन्डम से भेव अधिक प्लेजर फीमेल कॉन्डम से मिलता है। यह सेक्स सेशन को लंबा खीचने में भी सहायक है
5) वेलवेट, कांफीडोम, क्यूपिड, ओर्मेल, VA WOW ये कुछ फीमेल कॉन्डम के ब्रांड हैं जो मार्किट में आसानी से मिल जाते हैं
6) फीमेल कॉन्डम की सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह फॉरप्ले को बढ़ाती है। जिन्हें फॉरप्ले अधिक पसंद है उन्हें इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए
7) एक सर्वे के मुताबिक पहली बार फीमेल कॉन्डम इस्तेमाल करने के बाद पुरुष इसके ही इस्तेमाल पर जोर देते हैं। क्योंकि इसकी बदौलत पुरुषों को पीनस में अधिक सेंसेशन महसूस होता है जिससे वे ज्यादा एन्जॉय कर पाते हैं
8) फीमेल कॉन्डम को इस्तेमाल करना और इन्सर्ट करना आसान यह किसी भी पोजीशन में यानी खड़े हुए, बैठे हुए या लेते हुए आराम से इन्सर्ट हो जाता है। जिस तरह से पीरियड्स में 'टेम्पोन' इन्सर्ट किया जाता है, इसे ठीक वैसे इन्सर्ट करें
9) ध्यान रहे, कभी भी फीमेल और मेल कॉन्डम एक ही समय इस्तेमाल ना करें। इससे दोनों के खराब होने या फटने का डर रहता है। साथ ही प्लेजर की बजाय दिक्कत होगी