Rose Day Special: पांच हजार साल पुराना है गुलाब का इतिहास, दुनिया भर में इतनी है प्रजातियां-पढ़ें गुलाब से जुड़े रोचक तथ्य
By मेघना वर्मा | Published: February 7, 2020 09:38 AM2020-02-07T09:38:37+5:302020-02-07T09:38:37+5:30
सत्रहवीं शताब्दी के दौरान गुलाब की इतनी अधिक मांग हो गई थी कि रॉयल्टी के रूप में गुलाब मांगा जाने लगा था। रोमन काल के दौरान, मध्य पूर्व में बड़े पैमाने पर गुलाब उगाए जाते थे।
रोज डे के साथ 7 फरवरी से वैलेंटाइन वीक शरू हो गया है। फरवरी आते ही कपल्स के बीच वैलेंटाइन डे की चमक देखने को मिलती है। लोग अपने प्यार क इजहार और अपने पुराने प्यार की ताकत को इसी वीक में दिखाते हैं। रोज डे पर कपल्स एक दूसरे को लाल गुलाब देते हैं और अपने प्यार का इजहार करते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि प्यार के लिए लाल गुलाब ही क्यों? क्या है गुलाब का इतिहास। आइए रोज डे के इसी मौके पर आज हम आपको बताते हैं क्या है गुलाब का इतिहास।
लाल रंग की बात करें तो इसे खतरे का निशान भी कहा जाता है। अगर किसी से कहना हो कि आगे खतरा है तो लाल झंडा फहराया जाता है। तो फिर प्यार के संदर्भ में इस रंग का क्या मतलब है? लाला रंग को प्यार और प्यार के गुलाब के साथ कब और कैसे जोड़ा गया, आइए हम बताते हैं आपको।
गुलाब का इतिहास
गुलाब का एक लंबा और रंग-बिरंगा इतिहास रहा है। गुलाब, प्यार और सौंदर्य के साथ युद्ध और राजनीति का प्रतीक भी रहा है। फॉसिल एविडेंस के अनुसार गुलाब, 35 मिलियन वर्ष पुराना है। बताया जाता है कि उत्तरी गोलार्ध में गुलाब की कुल 150 प्रजातियां पायी जाती हैं। illinois.edu के अनुसार अलास्का से मैक्सिको तक और उत्तरी अफ्रीका गुलाबों की बहुत सी प्रजातियां होती हैं।
गुलाब की खेती की बात करें तो इसकी शुरुआत लगभग 5 हजार साल पहले हुई थी। हलांकि इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता मगर शायद ये खेती सबसे पहले चीन में शुरू हुई थी। बताया जाता है कि रोमन काल के दौरान, मध्य पूर्व में बड़े पैमाने पर गुलाब उगाए जाते थे। उनका उपयोग उत्सवों में, औषधीय प्रयोजनों के लिए, और इत्र के स्रोत के रूप में किया जाता था।
सत्रहवीं शताब्दी के दौरान गुलाब की इतनी अधिक मांग हो गई थी कि रॉयल्टी के रूप में गुलाब मांगा जाने लगा था। बताया जाता है कि नेपोलियन की पत्नी जोसफीन ने 1800 के दशक में पेरिस से सात मील पश्चिम में एक एस्टेट चेटो डी माल्मिसन में गुलाब का एक व्यापक संग्रह स्थापित किया। यह उद्यान एक वनस्पति चित्रकार के रूप में पियरे जोसेफ रेडाउट के काम के लिए सेटिंग बन गया। 1824 में, उन्होंने अपना वाटर कलर कलेक्शन "लेस रोज" पूरा किया, जिसे आज भी वनस्पति चित्रण के बेहतरीन रिकॉर्ड में से एक माना जाता है।
रोम में मध्य युग के दौरान गिरजा घरों के पादरी ईसा मसीह और अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देने के मकसद से लाल रंग का पहनावा पहनते थे। इसके अलावा इस रंग को जंग और गुस्से का प्रतीक भी माना जाता है। आज भी यह रंग गुस्से से जोड़ा जाता है। उस जमाने में बदले की भावना और त्याग के संबंध में भी लाल रंग को ही प्रतीक माना जाता था।
इस तरह लाल रंग बना प्यार का रंग
लाल रंग को प्यार का प्रतीक ग्रीक समुदाय ने बनाया। उस जमाने में 'रोमन डी ला रोज' नाम की एक कविता बेहद महशूर हुई थी। कविता के मुताबिक एक व्यक्ति लाल गुलाब की तलाश में निकला था। उस खोज में उसे अपनी जीवन संगिनी मिल गई। इसी कविता को आधार मानते हुए लाल गुलाबी को प्यार से जोड़ा गया।
क्यों मनाते हैं वैलेंटाइन डे?
प्यार का दिन वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता अहै, इसके पीछे कई कहानियां हैं। यह दिन संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। एक कहानी के मुताबिक संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी 269 ईसवी के दिन ही पादरी के पद हासिल हुआ था। उनके सम्मान में ही लोगों ने इसदिन को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाना शुरू कर दिया।